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हाथरस में स्कूल की तरक्की के लिए छात्र की ‘बलि’, मालिक समेत पांच गिरफ्तार

मासूम बच्चे की फाइल फोटो

हाथरस, 28 सितम्बर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले की सादाबाद तहसील क्षेत्रान्तर्गत एक आवासीय स्कूल के मालिक ने अपने स्कूल को और अधिक समृद्ध बनाने के लिए 11 साल के कृतार्थ नामक एक छात्र की कथित तौर पर ‘बलि’ दे दी। इस मामले में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इनमें स्कूल मालिक, निदेशक, प्रधानाचार्य और दो शिक्षक हैं। पुलिस का दावा है कि स्कूल प्रबंधक के तांत्रिक पिता ने इस वारदात को अंजाम दिया। क्योंकि उसका मानना था कि बच्चे की बलि देने से स्कूल की तरक्की होगी। पुलिस ने पिता की कार से ही बच्चे का शव बरामद किया था।

पुलिस ने 26 सितम्बर को घटना का खुलासा करते हुए बताया था कि यह घटना 23 सितम्बर की है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार कृतार्थ की हत्या गला दबाकर की गई है। उसके गले पर चोट के निशान थे। बच्चे के पिता की तहरीर पर प्रबंधक दिनेश बघेल सहित पांच लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। घटना के पीछे का सही कारण जानने के लिए अब पुलिस इन्हें रिमांड पर लेने की तैयारी में है।

उल्लेखनीय है कि सहपऊ थाना क्षेत्र के चुरसेन निवासी सॉफ्टवेयर इंजीनियर श्रीकृष्ण का बेटा कृतार्थ (11) रसगवां गांव के डीएल पब्लिक आवासीय विद्यालय में कक्षा दाे में पढ़ता था। वह स्कूल के हॉस्टल में ही रहता था। 23 सितम्बर की सुबह उसके परिवार को स्कूल प्रबंधक से जानकारी मिली कि उनके बेटे की तबीयत खराब है। पिता श्रीकृष्ण और परिवार के अन्य लोग वहां पहुंचे तो कृतार्थ उन्हें नहीं मिला। परिवार वालों ने दिनेश से कृतार्थ के बारे में पूछा तो वह गुमराह करने लगा। किसी प्रकार की अनहोनी की आशंका पर परिवार ने पुलिस को सूचित कर दिया। इधर पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए प्रबंधक के ​तांत्रिक पिता जशोधन की कार से कृतार्थ का शव बरामद कर लिया। पुलिस ने परिवार को जानकारी देते हुए शव को वहीं से ही पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। बेटे की मौत की खबर पर परिजनों ने थाने में हंगामा किया। वाहन में तोड़फोड़ की। पुलिस ने कार्रवाई का भराेसा देकर शांत कराया।

पुलिस की जांच में पता चला है कि बीटेक पास प्रबंधक दिनेश बघेल चार साल तक मलेशिया में नाैकरी करने के बाद घर लौटा तो यहां पर उसने एक स्कूल खाेला। इसके लिए उसने बैंक से लाेन के अलावा अपने परिचितों से भी पैसे लिये थे। स्कूल की कक्षा आठ तक मान्यता एवं हाॅस्टल की भी सुविधा थी। हॉस्टल में 25 बच्चे रहते थे। दिनेश ने करीब 20 लाख रुपये का कर्ज ले रखा था। कर्जदार उसे परेशान करते थे। दिनेश के पिता जसोदन स्कूल की तरक्की के लिए आए-दिन तंत्र मंत्र करता रहता था। उसने बेटे काे यह सलाह दी थी कि अगर वह किसी बच्चे की बलि दे देगा, तो उसके संकट दूर हो जाएंगे। कृतार्थ के परिवार का आरोप है कि इसी वजह से उन लोगों ने मिलकर कृतार्थ की बलि दे दी है। पहले भी इन लोगों ने इसी तरह एक बच्चे की हत्या करने की कोशिश की थी लेकिन वह बच्चा किसी तरह भाग निकला था। पुलिस ने स्कूल प्रबंधक, उसके पिता समेत पांच लोगों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए जेल भेज दिया। कृतार्थ के पिता का कहना है कि हॉस्टल में तो 25 बच्चे थे तो फिर कृतार्थ को ही बलि के लिए क्याें चुना गया। पुलिस उनसे कुछ छिपा रही है।

पुलिस अधीक्षक निपुण अग्रवाल का कहना है कि परिजन कई तरह के सवाल खड़े किए हैं, जिसके जवाब तलाशने के लिए पुलिस आराेपिताें काे रिमांड पर लेगी। उसके बाद ही सारी असलियत उजागर होगी। एएसपी अशोक कुमार के नेतृत्व में टीमें लगी हुई हैं, जल्द ही घटना का अनावरण किया जाएगा।

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(Udaipur Kiran) / मदन मोहन राना

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