नई दिल्ली, 4 अप्रैल (Udaipur Kiran) । दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने फरवरी 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगे के पांच आरोपितों को बरी कर दिया है। एडिशनल सेशंस जज पुलस्त्य प्रमाचल ने कहा कि आरोपितों को घटना से जोड़ने में अभियोजन पक्ष नाकाम रहा और वो असली गुनहगार को पकड़ने में विफल रहा।
कोर्ट ने आरोपितों कुलदीप, दीपक यादव, दीपक ठाकुर , मोहम्मद फुरकान और मोहम्मद इरशाद को सभी आरोपों से बरी करने का आदेश दिया। घटना 24 फरवरी 2020 की है, जब शिव विहार तिराहे के पास दो अलग-अलग पंथ के समुदायों की भीड़ एक-दूसरे से संघर्ष कर रही थी। दोनों समुदायों का एक ही मकसद था कि दूसरे समुदाय के लोगों को नुकसान पहुंचाया जाए। कोर्ट ने कहा कि जांच अधिकारी ने सलमान की गैर इरादतन हत्या के मामले में जो चार्जशीट दाखिल की, उसमें दोनों विरोधी समुदाय के लोगों को आरोपित बनाया गया है।
कोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस के निष्कर्ष के मुताबिक सलमान की हत्या में शामिल वास्तविक दंगाइयों को पकड़ा ही नहीं जा सका। अगर दिल्ली पुलिस वास्तविक अपराधी को नहीं पकड़ सकी तो उसे अनट्रेस रिपोर्ट दाखिल करनी चाहिए थी। ऐसे में आरोपितों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला नहीं चलाया जा सकता है। यहां तक कि अभियोजन पक्ष के किसी भी गवाह ने सलमान की हत्या का जिक्र तक नहीं किया। कोर्ट ने वीडियो फुटेज की भी पड़ताल की जिसमें आरोपितों को सलमान की हत्या में लिप्त होना नहीं पाया गया।
उल्लेखनीय है कि 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दंगे में कम से कम 53 लोगों की जान गई थी और सैकड़ों लोग घायल हुए थे। इस दंगे में सार्वजनिक और निजी संपत्तियों का काफी नुकसान हुआ था।
(Udaipur Kiran) /संजय
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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा
