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सियाचिन में ऑपरेशनल पोस्ट पर तैनात हुईं पहली महिला कैप्टन सुप्रीथा सीटी

कैप्टन सुप्रीथा सीटी

– मद्रास रेजिमेंट से पति ब्लेज सेना में मेजर, सुप्रीथा कोर ऑफ मिलिट्री पुलिस दल में – सैन्य जोड़े ने इस साल गणतंत्र दिवस परेड में कर्तव्य पथ पर एक साथ किया था मार्च

नई दिल्ली, 19 जुलाई (Udaipur Kiran) । भारतीय सेना ने दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में कैप्टन सुप्रीथा

सीटी को पहली बार ऑपरेशनल भूमिका में तैनात किया है। उनके पति ब्लेज भी सेना में मेजर हैं और वे मद्रास रेजिमेंट से हैं, जबकि सुप्रीथा कोर ऑफ मिलिट्री पुलिस दल का हिस्सा हैं। दोनों ने जून, 2023 में शादी की और इस जोड़े ने इस साल गणतंत्र दिवस परेड में कर्तव्य पथ पर एक साथ मार्च किया था। इससे पहले महिला कैप्टन शिवा चौहान को तीन माह के लिए सियाचिन ग्लेशियर पर कुमार पोस्ट में तैनात किया गया था।

भारतीय सेना ने आधिकारिक बयान में कहा, बाधाओं को तोड़ना… चुनौतियों पर विजय पाना…कैप्टन सुप्रीथा सीटी सियाचिन योद्धाओं की लीग में शामिल हो गई हैं। अपनी दृढ़ शक्ति और दृढ़ संकल्प के साथ वह अब दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में परिचालन के लिए तैनात हैं।

कैप्टन सुप्रीथा ने कहा, यह योजनाबद्ध तरीके से नहीं हुआ। यह महज संयोग है। शुरुआत में मैंने अपनी चयन परीक्षा दी और पास हो गई। फिर मेरे पति भी अपनी रेजिमेंट से चयनित हो गए। वे कॉलेज के दौरान राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) का हिस्सा थे।

सुप्रीथा ने 2016 में एनसीसी दल के हिस्से के रूप में गणतंत्र दिवस परेड में भी भाग लिया था, जबकि उनके पति ब्लेज ने 2014 में भाग लिया था। मेजर ब्लेज ने कहा, मेरे लिए गणतंत्र दिवस 2024 में कर्तव्य पथ पर अपनी रेजिमेंट का नेतृत्व करने और अपनी रेजिमेंट को गौरवान्वित करने के मौकों में से एक था।

कैप्टन सुप्रीथा कर्नाटक के मैसूर से हैं और शहर के जेएसएस लॉ कॉलेज से कानून स्नातक हैं। मेजर ब्लेज तमिलनाडु के वेलिंगटन से हैं और उन्होंने जैन विश्वविद्यालय, बेंगलुरु से स्नातक किया है।

इससे पहले पिछले साल जनवरी में सेना की फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स की महिला कैप्टन शिवा चौहान को दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर पर कुमार पोस्ट में तीन माह के लिए तैनात किया गया था। वह सेना की ऑपरेशनल पोस्ट पर तैनात होने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं थीं। उन्हें कुमार पोस्ट में अपनी पोस्टिंग से पहले कठिन प्रशिक्षण से गुजरना पड़ा।सियाचिन बैटल स्कूल में कैप्टन शिवा चौहान को कठोर प्रशिक्षण दिया गया था, जिसमें बर्फ की दीवार पर चढ़ना, हिमस्खलन से बचाव के अभ्यास शामिल थे।

दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र माना जाने वाला सियाचिन ग्लेशियर पृथ्वी पर सबसे कठोर इलाकों में से एक है। वहां का तापमान शून्य से 50 डिग्री सेल्सियस नीचे रहता है। सियाचिन ग्लेशियर हिमालय में पूर्वी काराकोरम रेंज में स्थित है, जहां भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा समाप्त होती है। काराकोरम रेंज हिमाच्छादित हिस्से में यूरेशियन प्लेट को भारतीय उपमहाद्वीप से अलग करता है, जिसे कभी-कभी ‘तीसरा ध्रुव’ भी कहा जाता है। यह दुनिया के गैर-ध्रुवीय क्षेत्रों में दूसरा सबसे लंबा ग्लेशियर है।

(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम पाश

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