उदयपुर, 27 सितंबर (Udaipur Kiran) । ‘माई ऐहड़ा पूत जण, जेहड़ा राणा प्रताप’ इस उक्ति में छिपी मेवाड़ वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की महानता शुक्रवार को कैनवास पर अलग-अलग रूप-रंगों में उभर कर आई। अवसर था, दिवेर विजय महोत्सव के तहत उदयपुर के प्रताप गौरव केन्द्र ‘राष्ट्रीय तीर्थ’ पर आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता का। माध्यमिक से लेकर महाविद्यालय तक के नवोदित चितेरों ने वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के स्वरूपों को ही नहीं, बल्कि मेवाड़ की शिल्प विरासत को भी अपनी भावनाओं के अनुरूप उकेरा। उनकी कल्पनाओं से सजे रंगों की लकीरों ने देखने वालों को भी मुग्ध कर दिया।
दिवेर विजय महोत्सव की इस चित्रकला प्रतियोगिता में अनूठा प्रयोग किया गया कि पहले प्रतिभागियों को प्रताप गौरव केन्द्र का दर्शन कराया गया। इसके बाद प्रतिभागियों से कहा गया कि केन्द्र के दर्शन के बाद जो भी आपके मन में मेवाड़ के इतिहास और विरासत का दृश्य उभरा है उसे कैनवास पर उतार कर अपनी भावनाओं से सजाएं। प्रतिभागियों ने भी उत्साह से कूंची का कमाल दिखाया और एक से बढ़कर एक रचना का सृजन किया।
चित्रकला प्रतियोगिता के संयोजक डॉ. राम सिंह भाटी व सह संयोजक डॉ. सुशील निम्बार्क ने बताया कि प्रतियोगिता में उदयपुर शहर के 40 स्कूल एवं 10 महाविद्यालयों के 250 से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया। प्रतियोगिता के दौरान प्रताप गौरव केन्द्र के निदेशक अनुराग सक्सेना, दिवेर विजय महोत्सव समिति संयोजक सुभाष भार्गव, सह संयोजक जयदीप आमेटा, समिति के सदस्य डॉ सरोज कुमार, रमन सूद सहित निर्णायक मंडल ने प्रतिभागियों का उत्साहवर्द्धन किया। निर्णायक मंडल में संस्कार भारती उदयपुर महानगर के अध्यक्ष प्रो. मदन सिंह राठौड़, नाथद्वारा एसएमबी गवर्नमेंट कॉलेज से सेवानिवृत्त प्राध्यापक डॉ. युगल किशोर शर्मा, वरिष्ठ चित्रकार पुष्कर लोहार शामिल रहे। प्रतियोगिताओं के परिणाम शीघ्र घोषित किए जाएंगे। विजेताओं को महोत्सव के समापन पर होने वाले वृहद समापन समारोह में पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। सभी प्रतिभागियों द्वारा बनाए गए चित्रों का एक कैटलॉग भी तैयार किया जाएगा जिसका विमोचन दिवेर विजय महोत्सव के समापन समारोह में किया जाएगा। कला प्रेमी इस कैटलॉग को अपने संग्रहण के लिए खरीद भी सकेंगे।
चित्रकला प्रतियोगिता में संस्कार भारती उदयपुर महानगर इकाई की कोषाध्यक्ष डॉ. रितु टांक, सदस्य दिलीप डामोर, विकास कुमार, मंजू हाड़ा ने पंजीकरण एवं अन्य व्यवस्थाओं में सहयोग किया।
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(Udaipur Kiran) / सुनीता