Haryana

हिसार : ऐतिहासिक अग्रोहा टीले पर खुदाई कार्य के बीच लगी आग

अग्रोहा में टीले पर लगी आग।
तसलों में मिट्टी भरकर आग बुझाने का प्रयास करते ग्रामीण।

सही रास्ता न होने के कारण नहीं पहुंच पाई दमकल गाड़ियां

एक दिन पहले ही मिला था कंकाल, अगले दिन लग गई आग

हिसार, 27 अप्रैल (Udaipur Kiran) । जिले के अग्रोहा स्थित ऐतिहासिक टीले पर फैले

125 एकड़ जंगल में आग लगने का समाचार है। आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है

लेकिन इस समय ऐतिहासिक टीले पर पुरातत्व विभाग की ओर से खुदाई का काम चल रहा है। आग

की सूचना के बाद दमकल गाड़ियां मौके पर पहुंची और आग बुझाने के प्रयास शुरू किए। मौके

पर प्रशासनिक अधिकारी भी पहुंचे हैं।

अग्रोहा टीले पर फैले जंगल में रविवार दोपहर को लगी आग बुझाने के लिए राहत

एवं बचाव कर्मी जुटे हुए हैं। तेज हवा के कारण आग बुझाने में दिक्कत आ रही है। अग्रोहा

थाना प्रभारी का कहना है कि फायर ब्रिगेड गाड़ियां मौके पर हैं लेकिन हादसा स्थल दमकल

की गाड़ियां पहुंच नहीं पा रही है। आसपास के गांव में अनाउंसमेंट करवाया है। सभी ग्रामवासी

ट्रेक्टर से टैंकरों में पानी लेकर टीले पर पहुंच रहे हैं ताकि आग पर काबू पाया जा

सके।

प्रशासन के पास टीले तक आग बुझाने का कोई साधन नहीं है, इसलिए ग्रामीणों की

टीम तसले लेकर मिट्टी डालकर आग बुझाने में लगी हुई है। खुदाई में लगे नोएडा संस्थान

के छात्र दल को उनके हॉस्टल में भेज दिया गया है। फायर की ब्रिगेड की गाड़ी पहुंचने

के लिए आसपास के रास्तों की तलाश कर रही है। टीले तक पहुंचने का सीधा एक ही रास्ता

था जिसकी सीधी चढ़ाई होने के कारण ऊपर फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंच नहीं पा रही।

बताया जा रहा है कि अग्रोहा टीले पर चल रही खुदाई में कल ही एक मानव कंकाल

मिला था।

पुरातत्व विभाग चंडीगढ़ सर्कल की टीम पिछले 45 दिनों से यहां खुदाई कर रही

है। टीम की निदेशक कामेई अथोइलू काबुई के नेतृत्व में यह काम चल रहा है। खुदाई के लिए

टीले पर 10×10 फीट के 12 ट्रेंच बनाए गए हैं। शनिवार को ए-वन ट्रेंच से मानव कंकाल

की खोपड़ी मिली। उप निदेशक डॉ. अर्कित प्रधान के अनुसार, कंकाल ज्यादा पुराना नहीं

लगता क्योंकि यह टीले की सबसे ऊपरी परत में मिला है। आगे की खुदाई में कंकाल का पूरा

हिस्सा मिलने की संभावना है।

निदेशक काबुई ने बताया कि पहले की खुदाई में चौथी से 14वीं शताब्दी तक के अवशेष

मिले थे। मौजूदा खुदाई में कई महत्वपूर्ण चीजें मिली हैं। इनमें कमल पुष्प सहित विभिन्न

आकृतियों वाले खुदे हुए पत्थर, पुरातन इमारतों की दीवारें, मिट्टी की हांडियां, भवन

के अवशेष, सीढ़ियों के अवशेष और मिट्टी के खिलौने शामिल हैं।

पुरातत्व विभाग हरियाणा की उपनिदेशक बनानी भट्टाचार्य ने कहा कि मिट्टी के

ढक्कन, स्नान में प्रयुक्त पत्थर, छोटे गोल बर्तन और मिट्टी के मनके भी मिले हैं। मिले

कंकाल की लैब में जांच की जाएगी। इससे यह पता चलेगा कि यह किस उम्र के पुरुष या महिला

का है। अभी तक हुई खुदाई में पांच सांस्कृतिक कालखंड प्राप्त हुए हैं। उत्खनन से एक

बौद्ध स्तूप और एक हिंदू मंदिर का भी पता चला है। साइट से चार इंडो ग्रीक, एक पंच-मार्क

और अग्रोदका के 51 अन्य सिक्कों सहित सिक्कों का एक संग्रह मिला है। इस स्थल पर विभिन्न

कालखंडों के चांदी और कांस्य के सिक्के भी पाए गए हैं। वे रोमन, कुषाण, यौधेय और गुप्त

साम्राज्य से संबंधित हैं। इनमें प्रयुक्त भाषा प्राकृत है। खुदाई के दौरान लगभग 7

हजार कलाकृतियां बरामद हुईं। असंख्य पत्थर की मूर्तियों के अलावा, लोहे और तांबे के

उपकरण और अर्ध-कीमती पत्थरों के मोती भी पाए गए हैं। वह समय दूर नहीं जब पूरी दुनिया

अग्रोहा को विश्व धरोहर के रूप में जानेगा।

उधर, अग्रोहा धाम अग्रोहा विकास ट्रस्ट के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बजरंग

गर्ग ने कहा है कि अग्रोहा टीला जो 125 एकड़ में फैला हुआ है उसमें आग लगना चिंता का

विषय है। आग से जीव-जंतुओं को जान का खतरा है। उन्होंने टीम सहित मौके पर पहुंचकर आग

का जायजा लिया और कहा कि सरकारी कर्मचारी व गांववासी अपने-अपने साधनों से आग बुझाने

में लगे हुए है। अग्रोहा मेडिकल कॉलेज से भी आग बुझाने के लिए दो गैंस के सिलैंडर मगवाए

गए है और अग्रोहा के स्थानीय निवासी भी आग बुझाने के लिए लगे हुए है। उन्होंने कहा

कि सरकार को भविष्य में टीले व उसके आसपास हर प्रकार की मूलभूत सुविधा की व्यवस्था

करनी चाहिए।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर

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