
भरतपुर, 21 मई (Udaipur Kiran) । नवगठित डीग जिले से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां एक महिला के पति के साथ पुलिसकर्मियों द्वारा की गई कथित बर्बरता के चलते पूरे गोपालगढ़ थाने के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई है। मामला साइबर ठगी की जांच के नाम पर की गई मारपीट और अत्याचार से जुड़ा है, जिसमें पीड़िता के पति के दोनों पैर तोड़ दिए गए। यह कार्रवाई अदालत के आदेश के बाद हुई है।
डीग जिले के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या-दो की अदालत ने 21 मई (मंगलवार) को इस प्रकरण में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि चूंकि मामले में खुद थाने के अधिकारी और पुलिसकर्मी प्रतिवादी हैं, अतः जांच एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी द्वारा करवाई जाए। अदालत के आदेश के अनुसार बुधवार को मामले की जांच का जिम्मा पहाड़ी क्षेत्र के सीईओ गिर्राज प्रसाद मीणा को सौंप दिया गया है।
मामले में याचिका लगाने वाली महिला असमीना निवासी हेबतका (डीग) ने अपने वकील मुस्ताक अहमद के माध्यम से कोर्ट को बताया कि उसका पति तारीफ अलवर की एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता है और 11 अप्रैल को ईद मनाने घर आया था। उसी दिन गोपालगढ़ थाने के एएसआई राधाचरण सहित करीब पांच पुलिसकर्मी उनके घर आए और तारीफ को जबरन घसीटते हुए बाहर निकालकर बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया। जब असमीना और उसके परिवारजन बीच-बचाव करने आए तो पुलिस ने उन्हें भी पीटा।
इसके बाद पुलिसकर्मी तारीफ को जबरदस्ती गाड़ी में डालकर थाने ले गए।
याचिका के अनुसार, उसी दिन शाम चार बजे गोपालगढ़ थाने के एसएचओ मनीष शर्मा खुद करीब 50 लोगों के साथ असमीना के घर आए और उसके चाचा फारुख के घर में जबरन घुसकर तोड़फोड़ की। जब असमीना ने विरोध किया तो खुद एसएचओ ने उसे पीटा।
बारह अप्रैल को पुलिस ने तारीफ को छोड़ दिया। जब वह घर पहुंचा, तो उसके दोनों पैर गंभीर रूप से घायल थे। परिजन उसे पहले सीकरी अस्पताल और फिर गंभीर स्थिति को देखते हुए जयपुर के अस्पताल ले गए, जहाँ डॉक्टरों ने पुष्टि की कि उसके दोनों पैर टूट चुके हैं। यह चोट कथित रूप से पुलिसिया पिटाई का परिणाम है।
पीड़िता असमीना ने इस घटना की शिकायत डीग के एसपी राजेश मीणा और भरतपुर रेंज के आईजी राहुल प्रकाश से भी की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अंततः 30 अप्रैल को उसने कामां कोर्ट में याचिका दायर कर न्याय की गुहार लगाई।
कोर्ट के आदेश के बाद गोपालगढ़ थाना प्रभारी मनीष शर्मा, एएसआई राधाचरण, हेड कॉन्स्टेबल विनोद और हितेश, कॉन्स्टेबल साहिल खान, रूपन कुमार और अजयभान सहित थाने के सभी पुलिसकर्मी और लगभग 50 अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
अब इस पूरे प्रकरण की जांच वरिष्ठ अधिकारी गिर्राज प्रसाद मीणा द्वारा की जा रही है और पूरे प्रदेश की निगाहें इस पर टिक गई हैं कि क्या इस मामले में निष्पक्ष जांच हो पाएगी और पीड़ित परिवार को न्याय मिलेगा या नहीं।
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(Udaipur Kiran) / रोहित
