
फरीदाबाद, 31 जनवरी (Udaipur Kiran) । फरीदाबाद में तैनात महिला तहसीलदार जमीन बिक्री के मामले में फंस गई हैं। मामला फरीदाबाद एनआईटी स्थित एक औद्योगिक प्लाट की नीलामी से जुड़ा है। करोड़ों रुपए का यह प्लाट किसी दूसरी कंपनी का था लेकिन उसे किसी और कंपनी का बताकर नीलामी करा दी गई। इस बारे में तहसीलदार को बताया भी गया लेकिन उन्होंने प्लॉट के असल मालिक की बात भी नहीं सुनी। यही नहीं, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट और डिप्टी कमिश्नर ने इस कार्रवाई को रोकने के लिए कहा था लेकिन तहसीलदार ने वह बात भी नहीं मानी। मामला पुलिस तक पहुंचा, जिसके बाद बडख़ल तहसीलदार नेहा सरन के खिलाफ जालसाजी की एफआईआर दर्ज हो गई। तहसीलदार के साथ इस मामले में नव भारत पेंट्स के मालिक दीपक मनचंदा, राकेश दीवान और पुलकित दीवान को भी आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 और 120बी के तहत दर्ज स्नढ्ढक्र में नामजद किया गया है। फ्रेंड्स ऑटो इंडिया लिमिटेड के निदेशक अमरजीत सिंह चावला ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि एनआईटी फरीदाबाद के औद्योगिक क्षेत्र में प्लॉट नंबर 38-ए है। जिसका स्वामित्व मेसर्स यूनीक स्प्रिंग (इंडिया) के पास था। उनकी कंपनी ने इसे मासिक किराए पर लिया था। हालांकि बाद में इसे छोड़ दिया। जिसके बाद यूनिक स्प्रिंग ने यह प्लॉट मेसर्स मेहर ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड को किराए पर दे दिया। उनकी कंपनी फ्रेंड्स ऑटो इंडिया का मेसर्स नव भारत पेंट्स के साथ कुछ लेन-देन था। जिसको लेकर नव भारत पेंट्स और फ्रेंड्स ऑटो के बीच मुकदमे शुरू हो चुके थे। जिसमें मेसर्स फ्रेंड्स ऑटो इंडिया लिमिटेड के खिलाफ वसूली की कार्रवाई शुरू की गई। यह कार्रवाई डिप्टी कमिश्नर को भेज दी गई। इसी बीच फ्रेंड्स कंपनी ने चंडीगढ़ में पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और वसूली की कार्रवाई पर रोक लगवा दी। हाईकोर्ट ने उनको अपनी शिकायत के लिए सक्षम कोर्ट जाने की छूट दी। आपत्तियां लंबित होने के बावजूद तहसीलदार बडख़ल नेहा सरन ने नवभारत पेंट्स के दीपक मनचंदा, राकेश दीवान और पुलकित दीवान के साथ मिलीभगत की। जिसके बाद पटवारी अजरौंदा फरीदाबाद से प्लॉट नंबर 38-ए, औद्योगिक क्षेत्र, एनआईटी फरीदाबाद की नीलामी के लिए नोटिस जारी करा दिया। इसमें खास बात यह थी कि नोटिस टाइप किया हुआ था लेकिन तारीख हाथ से लिखी गई थी। चावला ने बताया कि उन्होंने इसको लेकर तुरंत तत्कालीन तहसीलदार बडख़ल और जिला कलेक्टर फरीदाबाद के कार्यालय से संपर्क किया। तहसीलदार को विधिवत सूचित किया गया कि आपत्तियां पहले ही दर्ज की जा चुकी हैं और मामला आगे बढऩे की संभावना है। 29 जुलाई 2024 को तहसीलदार बडख़ल को पत्र प्राप्त भी हो चुका था। जिसे डीसी फरीदाबाद कार्यालय ने 30 जुलाई 2024 को जारी किया था। डीसी ने तहसीलदार बडख़ल को आदेश दिए थे कि पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट चंडीगढ़ के 21 मई के आदेश के हिसाब से कार्रवाई की जाए। तहसीलदार बडख़ल पर आरोप है कि इन सबके बावजूद उन्होंने आरोपियों के साथ मिलीभगत करके प्लॉट नंबर 38-ए, औद्योगिक क्षेत्र, एनआईटी फरीदाबाद के संबंध में 2 अगस्त 2024 को फिर से नीलामी तय कर दी। तहसीलदार बडख़ल ने जानकारी होने और डीसी फरीदाबाद के आदेशों के बावजूद सबसे पहले तो प्लॉट नंबर 38-ए औद्योगिक क्षेत्र एनआईटी फरीदाबाद के संबंध में नीलामी की कार्रवाई नहीं रोकी। थाना मुजेसर के एएसआई ईश्वर सिंह ने तहसीलदार पर केस दर्ज होने की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि अमरजीत चावला नाम के व्यक्ति की शिकायत पर बडख़ल तहसीलदार नेहा सरन, दीपक मनचंदा, राकेश दीवान और पुलकित दीवान के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। मामले की पुलिस के स्तर पर आगे जांच की जा रही है।
(Udaipur Kiran) / -मनोज तोमर
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