हरिद्वार, 3 सितंबर (Udaipur Kiran) । संघर्ष से होकर ही सफलता की दूरी तय की जा सकती है। संघर्ष एवं समर्पण किसी भी खिलाड़ी की उन्नति की कसौटी है। सामान्य प्रतियोगिता में भी सफल होने के लिए विकल्प ढूढ़ना खिलाड़ी की उन्नति में बाधक है। इस परिपाठी को केवल सकारात्मक चिन्तन एवं फोकस दृष्टि से दूर किया जा सकता है। ओलम्पियन मनीष सिंह रावत ने गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग द्वारा आयोजित छात्र इन्डक्सन कार्यक्रम में यह बात कही।
उन्होंने खिलाड़ियों को गुरु तथा कोच के प्रति समर्पण एवं उनके बताये रास्ते का अनुसरण करने की सीख दी। इससे पहले प्रातः मेजर ध्यान चन्द सभागार मे इन्डक्सन (छात्र प्रेरणा) कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया। विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. हेमलता एवं ओलम्पियन मनीष सिंह रावत ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही कुलपति प्रो. हेमलता के ने कहा कि जिन छात्रों ने गुरुकुल कांगड़ी को शिक्षा के लिए चुना है, वे सौभाग्यशाली है। राष्ट्रीय धरोहर रूपी यह विश्वविद्यालय अपने स्वर्णिम इतिहास के कारण अद्वितीय है। संस्कार एवं संस्कृति जैसे मूल्यों का संरक्षण गुरुकुल जैसी देश हित की संस्था मे ही सम्भव है। डॉ शिवकुमार चौहान ने कहा कि 125 वर्ष के इतिहास में सैकडों संस्थाएं आईं-गईं लेकिन स्वामी श्रद्वानंद द्वारा स्थापित यह गुरुकुल संघर्ष के साथ अपने मूल्यों पर अडिग है।
इस अवसर पर डॉ अरूण कुमार, डॉ विपुल भट्ट, डॉ विपिन कुमार, डॉ अश्वनी जांगडा, डॉ धर्मेन्द्र बालियान, शशिकान्त शर्मा संयोजक डॉ कपिल मिश्रा, सह-संयोजक डॉ अनुज कुमार, डॉ प्रणवीर सिंह, कोच सुनील कुमार, दुष्यन्त राणा, अश्वनी कुमार, सुरेन्द्र कुमार, कुलदीप, राजेन्द्र सिंह आदि शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी उपस्थित रहे।
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(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला