Uttrakhand

मनसा देवी मन्दिर एवं मार्ग के पुनर्निमाण के लिए 156.48 लाख की वित्तीय एवं प्रशासकीय स्वीकृति मिली

हरिद्वार, 17 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि मद के अन्तर्गत मनसा देवी मन्दिर एवं पहुंच मार्ग में आपदा से हुई क्षति के कार्यों का पुनिर्माण का कार्य लागत 156.48 लाख रुपये की वित्तीय एवं प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। वित्त विभाग के मानकानुसार प्रथम किश्त के रूप में 60 प्रतिशत धनराशि रु. 93.888 अर्थात रु. 93.88 लाख की धनराशि अवमुक्त की गई है।

उन्होंने संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्राथमिकता के आधार पर गुणवत्ता युक्त कार्य किए जाएं। स्वीकृत धनराशि का आहरण व व्यय वास्तविक आवश्यकतानुसार ही किया जायेगा। स्वीकृत धनराशि का यथाशीघ्र उपयोग कर उपयोगिता प्रमाण-पत्र शासन को उपलब्ध कराया जाए। धनराशि व्यय करते समय बजट मैनुअल, वित्तीय हस्तपुस्तिका, उत्तराखण्ड अधिप्राप्ति नियमावली के सुसंगत प्राविधानों एवं मितव्यता के विषय में शासन द्वारा समय पर निर्गत आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा। निर्माण कार्य की गुणवत्ता प्रत्येक दशा में उच्च स्तर की बनाये रखना सुनिश्चित किया जाए। निर्माण कार्य में प्रयुक्त की जा रही समाग्री के परीक्षण करने के लिए कार्यस्थल पर लैब का गठन किया जाय। निमार्ण कार्य यथाः रेत, बजरी, स्टोन, पीवीसी पाईप, सीमेन्ट, स्टील एंव अन्य का आईएस कोड के मानकों के अनुरूप गुणवत्ता अवश्य सुनिश्चित की जाय।

उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यें तकनीक को ध्यान में रखते हुए सम्पादित कराये जायें। कार्यों का ओरियन्टेशन एवं सम्पादन इस प्रकार किया जाय कि निर्मित कार्यों की शत प्रतिशत लक्षित उद्देश्य की पूर्ति हो एवं परिकल्पित अवधि से पूर्व किसी प्रकार की हानि की संभावना न रहें। निर्माण कार्य के क्रियान्वयन एवं सम्पादन में उच्च अधिकारियों से निरन्तर समन्वय रखा जाय, ताकि उनकी आवश्यकता एवं प्राथमिकता के अनुसार कार्य निर्धारित अवधि में पूर्ण हो सके। भूमिगत निर्माण कार्यों का सम्पादन शत प्रतिशत सक्षम अधिकारी की उपस्थिति में सुनिश्चित कराया जाय तथा समुचित विडियोग्राफी भी कराई जाय। योजना निर्माण कार्य प्रारम्भ करने से पूर्व नियोजन विभाग को कार्य प्रारम्भ करने के सम्बन्ध में अवश्य संसूचित किया जाय ताकि तृतीय पक्ष गुणवत्ता परीक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके। कार्य की गुणवत्ता समयबद्धता के लिये संबंधित विभागाध्यक्ष, निर्माण ऐजेन्सी, संबंधित अधिशासी अभियन्ता पूर्ण रूप से उत्तरदायी होंगे। कार्य स्वीकृत लागत में ही पूर्ण किया जायेगा और लागत में कोई पुनरीक्षण अनुमन्य नहीं होगा। कार्य कराते समय वित्तीय नियमों एवं निविदा आदि विषयक नियमों का अनुपालन निश्चित रूप से सुनिश्चित किया जायेगा। मित्त व्ययता के दृष्टिकोण से यथासंभव स्थानीय उपलब्ध सामग्री का ही उपयोग किया जाए तथा होने वाली बचतों से भी नियोजन विभाग को अवगत कराया जाए। भविष्य में निर्माण कार्य के स्थलीय फोटोग्राफ कार्य प्रारम्भ करने से पूर्व लिये गये फोटोग्राफ के स्तर पर भी लिये जायें तथा सीमेंट कंकरीट ब्लॉक का कार्य मानक विशिष्टियों के अनुरूप कराया जाय ताकि निर्मित कार्यों एवम् आगणन में संलग्न कार्यस्थल का मिलान किया जा सके।

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(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

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