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वित्त मंत्री “नीति एनसीएईआर राज्य आर्थिक मंच” पोर्टल 1 अप्रैल को करेंगी लॉन्‍च

वित्त। मंत्री निर्मला सीतारमण का फाइल फोटो

नई दिल्ली, 31 मार्च (Udaipur Kiran) । केंद्रीय वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार, 1 अप्रैल को नीति एनसीएईआर राज्य आर्थिक मंच पोर्टल लॉन्च करेंगी, जो वित्‍त वर्ष 2022-23 तक तीन दशकों में राज्यों के सामाजिक, आर्थिक और राजकोषीय मापदंडों पर डेटा के व्यापक भंडार तक पहुंच प्रदान करेगा।

नीति आयोग ने सोमवार को जारी एक बयान में बताया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 अप्रैल, 2025 को नई दिल्ली में नीति एनसीएईआर राज्य आर्थिक मंच पोर्टल की शुरुआत करेंगी। नीति आयोग ने नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) के साथ मिलकर एक पोर्टल बनाया है। यह पोर्टल लगभग 30 वर्षों (अर्थात वित्‍त वर्ष 1990-91 से वित्‍त वर्ष 2022-23) की अवधि के लिए सामाजिक, आर्थिक और राजकोषीय मापदंडों, शोध रिपोर्टों, शोधपत्रों और राज्य वित्त पर विशेषज्ञ टिप्पणियों पर डेटा का एक व्यापक भंडार है।

नीति आयोग के मुताबिक पोर्टल के चार मुख्य घटक हैं:-

राज्य रिपोर्ट:- 28 भारतीय राज्यों के समग्र और राजकोषीय स्थिति का सारांश, जनसांख्यिकी, आर्थिक संरचना, सामाजिक-आर्थिक और राजकोषीय संकेतकों पर आधारित।

डेटा संग्रह : – पांच क्षेत्रों अर्थात जनसांख्यिकी, आर्थिक संरचना, राजकोषीय, स्वास्थ्य और शिक्षा में वर्गीकृत संपूर्ण डेटाबेस तक सीधी पहुंच प्रदान करता है।

राज्य का राजकोषीय और आर्थिक डैशबोर्ड :- समय के साथ प्रमुख आर्थिक चरों का ग्राफिकल प्रतिनिधित्व प्रदर्शित करता है और डेटा परिशिष्ट के माध्यम से अपरिष्‍कृत डेटा या सारांश तालिकाओं के माध्यम से अतिरिक्त जानकारी तक त्वरित पहुंच प्रदान करता है।

अनुसंधान एवं टिप्पणी :- राज्य वित्त तथा राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर राजकोषीय नीति एवं वित्तीय प्रबंधन के महत्वपूर्ण पहलुओं पर व्यापक अनुसंधान पर आधारित है।

यह पोर्टल समग्र, राजकोषीय, जनसांख्यिकीय और सामाजिक-आर्थिक रुझानों को समझने में सहायता करेगा। इस पर आसानी से डेटा उपलब्‍ध होगा और यह उपयोगकर्ता के अनुकूल प्रारूप तथा एक ही स्थान पर समेकित क्षेत्रीय डेटा की आवश्यकता को भी पूरा करेगा। यह प्रत्येक राज्य के डेटा को अन्य राज्यों और राष्ट्रीय आंकड़ों के साथ संदर्भ में भी मदद करेगा। यह नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं और अन्य लोगों को जानकारी और चर्चाओं के लिए डेटा का उल्लेख करने में रुचि रखने के लिए एक मंच भी प्रदान करेगा।

आयोग के मुताबिक यह पोर्टल एक व्यापक शोध केंद्र के रूप में काम करेगा, जो गहन शोध अध्ययनों के लिए डेटा और विश्लेषणात्मक उपकरणों का भंडार होगा। यह सूचना के केंद्रीय भंडार के रूप में कार्य करेगा, जो पिछले 30 वर्षों के सामाजिक, आर्थिक और राजकोषीय संकेतकों के व्यापक डेटाबेस तक पहुंच प्रदान करेगा। ऐतिहासिक रुझानों और वास्तविक समय के विश्लेषण का लाभ उठाकर, उपयोगकर्ता प्रगति को पता करने, उभरते पैटर्न की पहचान करने और विकास के लिए साक्ष्य-आधारित नीतियां तैयार करने में सक्षम होंगे।

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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर

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