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वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एआईआईबी के अध्यक्ष जिन लिकुन से की मुलाकात

एआईआईबी के अध्यक्ष जिन लिकुन से मुलाकात करते वित्त मंत्री
कतर के वित्त मंत्री बातचीत करते वित्तन मंत्री निर्मला सीतारमण
कतर के वित्त मंत्री बातचीत करते वित्तन मंत्री निर्मला सीतारमण
कतर के वित्त मंत्री बातचीत करते वित्तन मंत्री निर्मला सीतारमण

-सीतारमण ने कतर के वित्त मंत्री अली बिन अहमद अल कुवारी से की बातचीत

समरकंद/नई दिल्ली, 25 सितंबर (Udaipur Kiran) । केंद्रीय वित्‍त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को समरकंद में एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक (एआईआईबी) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की 9वीं सालाना बैठक से पहले एआईआईबी के अध्यक्ष जिन लिकुन से मुलाकात की। वित्‍त मंत्री ने लिकुन को एआईआईबी का सफलतापूर्वक नेतृत्व करने तथा नौ वर्षों की छोटी अवधि में ऋण परिचालन में तीव्र वृद्धि के लिए बधाई भी दी।

केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने एआईआईबी के अध्यक्ष जिन लिकुन को सुझाव दिया कि बैंक को अपने ग्राहक केंद्रित दृष्टिकोण को मजबूत करना जारी रखना चाहिए तथा सदस्य देशों, विशेष रूप से कम आय वाले देशों को तकनीकी सहायता तथा अन्य गैर-वित्तीय सेवाओं के माध्यम से वित्तीय संसाधन प्राप्त करने में सुविधा प्रदान करनी चाहिए। उधर, एआईआईबी के अध्यक्ष ने भारत को दूसरा सबसे बड़ा शेयरधारक तथा सबसे बड़ा ग्राहक होने के नाते बैंक प्रशासन तथा समग्र विकास में भारत के योगदान की सराहना की तथा भारत के साथ संबंधों को और मजबूत करने के अवसरों का पता लगाने की इच्छा व्यक्त की।

इससे पहले निर्मला सीतारमण ने एआईआईबी की आयोजित सलाना बैठक से पहले कतर के वित्त मंत्री अली बिन अहमद अल कुवारी से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान दोनों मंत्रियों ने द्विपक्षीय व्यापार, निवेश, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना डीपीआई और बीआईटी सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की। भारत और कतर के बीच ऐतिहासिक और गहरे संबंधों का जिक्र करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि भारत कतर के साथ संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए लगातार काम कर रहा है। सीतारमण ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था बना हुआ है, जो इसे ऊर्जा, अवसंरचना, रसद, आतिथ्य, खाद्य सुरक्षा, स्टार्ट-अप आदि जैसे क्षेत्रों में कतर की संस्थाओं के लिए निवेश के अवसरों के लिए उत्कृष्ट गंतव्य बनाता है।

अली बिन अहमद अल कुवारी ने चर्चा के दौरान देशों के बीच विशेष और ऐतिहासिक संबंधों को दोहराया। मंत्री ने तेजी से बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था की सराहना की और भारत में एफडीआई की विशाल संभावनाओं का पता लगाने के विचार का भी स्वागत किया। वित्‍त मंत्री के साथ उज्‍बेकिस्‍तान के दौरे पर गए वित्‍त मंत्रालय के प्रतिनिधिमंडल ने सीमा पार भुगतान, डिजिटल लेन-देन को सुविधाजनक बनाने और फास्ट ट्रैक मोड में द्विपक्षीय निवेश संधि (बीआईटी) को अंतिम रूप देने के क्षेत्रों में सहयोग पर विचार करने पर सहमति व्यक्त की।

उल्‍लेखनीय है कि केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण 24 से 28 सितंबर, 2024 तक उज्बेकिस्तान की पांच दिवसीय आधिकारिक दौरे पर हैं। इस दौरान वह एआईआईबी के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की 9वीं वार्षिक बैठक में भाग लेंगी। सीतारमण के साथ वित्त मंत्रालय के अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल भी है।

(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर

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