
देहरादून, 09 मार्च (Udaipur Kiran) । अंतरराष्ट्रीय वक्ता, लेखक एवं शांति दूत प्रेम रावत ने रविवार को परेड ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम में श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि अपने जीवन को आनंद से भरें।
इस मौके पर प्रेम रावत ने देहरादून में पिछले कुछ वर्षों में आये बदलावों का उदाहरण देते हुए समझाया कि इस संसार में सब कुछ बदल जाता है परन्तु जब तक तुम जीवित हो, तब तक स्वांसों का आना-जाना कभी नहीं बदलेगा। स्वांस का आना जाना ही बनाने वाले की कृपा है। इसलिए तुम इस स्वांस के साथ जुड़ना सीखो, तब तुम्हारी ज़िंदगी बदल जाएगी, अच्छी हो जाएगी।
उन्होंने एक कहानी के माध्यम से समझाया कि स्वर्ग और नरक यहीं हैं। जब तुम क्रोध और अहंकार में होते हो, तब तुम नरक में होते हो। जब तुम्हारा हृदय आभार और प्रेम से भरा होता है, तब तुम स्वर्ग में होते हो। अपने जीवन में स्वर्ग का अनुभव करो।
उन्होंने आगे समझाया एक होता है बाहर की आंखें खोलना और एक होता है अंदर की आंखें खोलना। जब अंदर की आंखें खोलोगे, तो वह दिखाई देगा जो अंदर है और हृदय आनंद से भर जाएगा। जो अविनाशी तुम्हारे अंदर है उसको समझो, उसको जानो और अपनी ज़िंदगी को सफल करो। प्रेम रावत ने कहा आज वही संदेश हम तुम्हारे लिए लाए हैं ताकि तुम्हारे जीवन में भी वह बदलाव आए और तुम अपने जीवन का आनंद ले सको ।
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(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार
