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सोने-चांदी की तेजी से घटी त्योहारी मांग, दिवाली पर बिक्री में 40 से 50 प्रतिशत गिरावट की आशंका

दिवाली पर सोने-चांदी की बिक्री में 40 से 50 प्रतिशत गिरावट की आशंका

– सोने और चांदी की कीमत में करेक्शन का इंतजार कर रहे हैं निवेशक

नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । मिडिल ईस्ट में जारी तनाव और दुनिया भर के शेयर बाजारों में आई गिरावट के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना और चांदी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचे हुए हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में आई तेजी का असर भारतीय सर्राफा बाजारों पर भी पड़ा है, जहां हाजिर सोना 80 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के करीब पहुंच गया है। चांदी एक लाख रुपये के स्तर को पार करके कारोबार कर रही है। इन दोनों चमकीली धातुओं की कीमत में आई तेजी के कारण सर्राफा बाजारों में इनकी मांग में अब गिरावट आने लगी है। आशंका जताई जा रही है कि इस साल धनतेरस और दिवाली पर सोने-चांदी की बिक्री में 40 से 50 प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है।

मिडिल ईस्ट के तनाव और वैश्विक स्तर पर शेयर बाजारो की गिरावट के कारण दुनिया भर के निवेशक सेफ इन्वेस्टमेंट के रूप में सोना और चांदी में लगातार पैसा लगा रहे हैं। इस वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में इन दोनों चमकीली धातुओं की कीमत में लगातार तेजी बनी हुई है। कॉमेक्स पर सोना 2,764 डॉलर प्रति ऑन्स के ऊपर कारोबार कर रहा है। इसी तरह चांदी भी 35 डॉलर प्रति ऑन्स के स्तर को पार कर गई है। चांदी पिछले 12 साल के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंचकर कारोबार कर रही है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार की तरह ही भारत में भी सोने चांदी में तेजी का रुख बना हुआ है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोने का दिसंबर वायदा 78,760 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर कारोबार कर रहा है, जबकि सोने का फरवरी वायदा 79,295 रुपये प्रति 10 ग्राम और अप्रैल वायदा 79,004 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंचा हुआ है। इसी तरह चांदी का दिसंबर वायदा भी एक लाख रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर को पार कर गया है।

बुलियन मार्केट एक्सपर्ट संतोष झावेरी का कहना है कि दिवाली और धनतेरस को मिलाकर आमतौर पर हर साल 700 से 800 टन चांदी की बिक्री होती है। चांदी के सिक्के (कॉइन), ईंट (बार) और चांदी से बने समान के ऑर्डर आमतौर पर दिवाली से एक महीना पहले ही फाइनल हो जाते हैं।इस साल कीमत में आई जोरदार तेजी के कारण दिवाली के लिए आने वाले ऑर्डर में जोरदार गिरावट आई है। इस गिरावट की वजह से इस साल धनतेरस और दिवाली को मिलाकर अधिकतम 400 से 500 टन चांदी की बिक्री होने की संभावना है। चांदी की तरह ही सोना भी सर्राफा बाजार में अपने सर्वोच्च स्तर पर कारोबार कर रहा है। इसलिए सोने की मांग में भी चांदी की तरह ही गिरावट आई है।

झावेरी का कहना है कि सोने और चांदी की मांग में आई गिरावट की एक वजह ये भी है कि सोने और चांदी की कीमत में आई तेजी के बाद अब ज्यादातर निवेशकों को करेक्शन का इंतजार है। माना जा रहा है कि चूंकि सोने और चांदी की कीमत ऑल टाइम हाई पर पहुंच गई है, ऐसे में इनकी कीमत में करेक्शन का दौर कभी भी शुरू हो सकता है। करेक्शन की संभावना के कारण भी बड़ी संख्या में निवेशकों ने फिलहाल अपने पैसे को होल्ड कर लिया है और बाजार में गिरावट का इंतजार कर रहे हैं। ऐसे निवेशक दिवाली और धनतेरस पर पारंपरिक रूप से की जाने वाली खरीदारी के लिए छोटी मात्रा में ही निवेश करने के मूड में हैं। इसी तरह आमतौर पर 10 से लेकर 20 ग्राम तक की गिन्नी (गोल्ड कॉइन) या 100 ग्राम तक के सिल्वर कॉइन या बार की खरीदारी करने वाले छोटे निवेशक भी बढ़ती कीमत की वजह से पहले की तरह धनतेरस या दिवाली के मौके पर बड़ा निवेश करने से हिचक रहे हैं।

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(Udaipur Kiran) / योगिता पाठक

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