जींद, 2 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । शिवपुरी कालोनी में वीटा बूथ संचालक ने फाइनेंसरों से तंग आकर मंगलवार की रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सुसाइड करने से पहले मृतक ने सुसाइड नोट छोड़ा है। इसमें शहर के आठ फाइनेंसरों पर प्रताड़ित करके आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है।
बुधवार को पुलिस ने आठ लोगों पर आत्महत्या के लिए मजबूर करने का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। शिवपुरी कालोनी निवासी सुरेंद्र ने बुधवार को शहर थाना पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसके भाई मोहित ने नरवाना रोड पर वीटा बूथ खोला हुआ है और साथ में ही कबाड़ी का काम करता है। वर्ष 2022 में उसके भाई अमित का छोटा लड़का सीनू पैदा होते ही बीमार हो गया था।
सीनू का हिसार के निजी अस्पताल में महंगा इलाज करवाया था। इलाज के लिए जुलानी रोड निवासी शीलो देवी से आठ लाख रुपये दस प्रतिशत ब्याज पर उठाए थे। शीला के रुपये लौटाने के लिए उसके भाई मोहित ने अलग-अलग कंपनियों व फाइनेंसरों से रुपये उठाए थे। सोमवार को सतीश नाम का फाइनेंसर उसके बूथ पर गया और रुपये वापस देने के लिए कहा लेकिन मोहित ने कुछ समय मांगा था।
इस पर फाइनेंसर सतीश कुमार उसके भाई के साथ ही घर पर चला गया। वहां पर गाली गलौज करने लगा और धमकी दी कि जब तक उसके रुपये नहीं मिलेंगे, तब तक वह यहां से नहीं जाएगा। इससे उसका भाई परेशान हो गया और दुकान में जाकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। काफी देर तक वापस नहीं आने पर दुकान में जाकर देखा तो उसकी मौत हो चुकी थी। उसकी जेब से एक सुसाइड नोट मिला।
इसमें उसने फाइनेंस पर रुपये देने वाले प्रवेश सरोहा, गांव संगतपुरा निवासी शीलो देवी, उज्जवीन बैंक कर्मचारी अनिकेत, श्री श्याम प्रॉपर्टी से सचिन, गोलू, सतीश, सतीश लाठर, गांव शाहपुर निवासी अमित, पाला, नर्सी के नाम लिखे हुए हैं और इन पर रुपये देने का दबाव बना कर आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोप लगाए हुए हैं। पुलिस ने शिकायत के आधार पर सभी आरोपितों के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने का केस दर्ज किया है।
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(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा