CRIME

आय से अधिक संपत्ति मामले में दवा नियंत्रक सहित पिता व भतीजे को सजा

सोलन, 11 दिसंबर (Udaipur Kiran) । प्रदेश विजिलेंस एंड एन्टी करप्शन ब्यूरो के आय से अधिक संपत्ति मामले में अदालत ने मुख्य आरोपित सहित कुल तीन लोगों के विरुद्ध आरोप तय हुए हैं।

विशेष न्यायाधीश अरविंद मल्होत्रा की अदालत ने बुधवार को आय से अधिक संपत्ति मामले में आरोपित साबित हुए पूर्व दवा निरीक्षक व दवा नियंत्रक रहे विनोद धीमान मुख्य आरोपित सहित उसके पिता व भतीजे को सजा सुनाई है।विनोद धीमान जिला सोलन मुख्यालय में दवा निरीक्षक के पद पर रहे व उसके बाद औद्योगिक क्षेत्र बद्दी में बतौर दवा नियंत्रक सेवाएं दी हैं। इस दौरान वर्ष 2012 में उनके खिलाफ राज्य भ्रष्टाचार निरोधक एवं एन्टी करप्शन विभाग को अतिरिक्त स्रोतों से धन एकत्रित करने की शिकायतें प्राप्त हुई थी जिसकी जांच में पूरी तत्परता बरतते हुए जांच एजेंसी ने वर्ष एक जनवरी 2001 से लेकर 14 दिसंबर 2012 तक सभी दस्तावेज खंगाले और उनकी पुष्टि करते हुए पाया कि आरोपी विनोद धीमान ने सोलन सहित अन्य कई स्थानों पर अकूत सम्पत्ति अर्ज की है जिसमें सोलन के सुगंधा अपार्टमेंट व सूरजपुर जिला हरियाणा में फ्लैट, सोलन के देहुनघाट में व्यवसायिक प्लाट सहित दो पहिया व चार पहिया वाहन, सोने – चांदी के बिस्कुट तथा जेवरात व चांदी की मूर्तियों के अलावा महंगी घड़ियां, महंगी विदेशी शराब की बोतलें सम्मिलित हैं। इसके अलावा जांच एजेंसी ने पाया कि विनोद धीमान ने अपने भतीजे पुनीत धीमान को बद्दी जिला सोलन में दवा के कारोबार में डालकर अतिरिक्त धन कमाया है। केवल इतना ही नहीं जांच में यह भी सामने आया कि आरोपित ने अपने पिता लक्ष्मण सिंह धीमान के नाम पर तहसील व जिला पंचकूला हरियाण के गांव कोट तथा गांव हंसु, पनासरा उप तहसील ओट, जिला मंडी में जमीन खरीद रखी है।जांच एजेंसी द्वारा छानबीन करते हुए पाया कि आरोपित ने आपराधिक षड्यंत्र के तहत कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर भी अनैतिक रूप से धन एकत्रित किया है। इनमें तीन व्यवसायी लोगों के नाम मुख्य रूप से सामने आए जिसमें धर्मेंद्र गुलाटी, संजीव अग्रवाल तथा सुशील गोयल को भी जांच एजेंसी ने जांच में शामिल किया और षड्यंत्र रचने के लिए धारा 120बी के तहत केस दर्ज किया। अदालत ने माना कि आरोपी विनोद धीमान ने इनके साथ मिलकर अनैतिक रूप से धन एकत्रित किया है लेकिन इन तीनों के विरुद्ध सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया।उप जिला न्यायवादी राज्य विजिलेंस एवं एन्टी करप्शन ब्यूरो शिमला, हेमंत चौधरी ने बताया कि आरोपित विनोद धीमान को तीन वर्ष कठोर कारावास की सजा तथा पांच लाख रुपये जुर्माने की सजा माननीय अदालत द्वारा विभीन्न धाराओं के अंतर्गत सुनाई गई है। जुर्माना अदा ना करने की स्थिति में दो वर्ष की साधारण कारावास काटने के आदेश दिए गए हैं। इसके अलावा हरियाणा के पंचकूला स्थित अमरावती एन्क्लेव में 35 लाख रुपये की कीमत का फ्लैट प्रदेश सरकार के कब्जे में चला गया है। उपन्यायवादी हेमंत चौधरी ने कहा कि आरोपित नम्बर 2. लक्ष्मण सिंह धीमान के विरुद्ध षड्यंत्र की धारा 120बी के तहत अनैतिक रूप से पन्द्रह लाख से अधिक की संपत्ति अर्जित करने के आरोप साबित होने पर दो वर्ष का कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है, तथा दो लाख रुपये जुर्माना भी अदा करने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी के ओट में तीन मंजिला भवन प्रदेश सरकार के कब्जे में लिया गया है। वहीं आरोपित नम्बर तीन पुनीत धीमान को भी धारा 120बी के तहत दो वर्ष कठोर कारावास सहित दो लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है। पुनीत धीमान के बैंक खाते में चौदह लाख से अधिक धन राशि प्रदेश सरकार के कब्जे में दी गई है।

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(Udaipur Kiran) / संदीप शर्मा

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