बेतिया, 20 नवंबर (Udaipur Kiran) । समग्र शिक्षण एवं विकास संस्थान, सुभाष नगर के सभागार में जलवायु परिवर्तन और खेती जल प्रणाली पर इसके प्रभाव और संभावित समाधान पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में एनवायरमेंटल डिफेंस फण्ड के तत्वावधान में जलवायु परिवर्तन विशेषज्ञ अभिनव पाठक और अमरेश कुमार मुख्य प्रशिक्षक रहे।
कार्यशाला में सीतामढ़ी, मुज़फ़्फ़रपुर, मोतिहारी, शिवहर, बेतिया और वैशाली जिला के 24 सामाजिक कार्यकर्ताओं व प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया। कार्यशाला में जलवायु परिवर्तन के प्रमुख कारकों, वायुमंडल में ग्रीन हाउस गैसों की उपस्थिति और उनके अनुपात, खेती व पशुपालन के द्वारा उत्सर्जित ग्रीनहाउस गैसों का प्रभाव, गर्मी बढ़ने से खेती , पशुपालन पर होने वाले प्रमुख कुप्रभाव और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रहे प्रयासों पर चर्चा हुई।
अमरेश कुमार ने जलवायु परिवर्तन से संबंधित कई भ्रांतियों और अफवाहों को भी स्पष्ट करते हुए बताया कि अधूरी जानकारी से हम सही रणनीति बनाने और उसे लागू करने में असफल होंगे । विषय पर हमें समझ विकसित कर इसके प्रसार हेतु कार्य करने की आवश्यकता है। ताकि व्यक्तिगत, सामूहिक व सामाजिक स्तर पर जलवायु परिवर्तन पर साझा समझ विकसित की जा सके।
अभिनव पाठक ने बताया कि पहले से विद्यमान सामाजिक व आर्थिक समस्याओं के साथ जलवायु परिवर्तन के मिलने से बिहार के संदर्भ में अत्यंत बहुस्तरीय और गंभीर समस्या की उत्पत्ति हो सकती है। अगर हम इसमें देरी करेंगे तो निकट भविष्य में हमें इसका गंभीर दुष्परिणाम भुगतना पड़़ सकता है। कृषि विशेषज्ञ सचिन कुमार और किसान गंगाधर प्रसाद ने अनियमित वर्षापात, ठंढ़ के दिनों में कमी, अत्यधिक तापमान वाले दिनों की संख्या में वृद्धि जैसे कई लक्षणों और खेती पर हो रहे प्रभावों पर अनुभव को साझा किया।
मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता विपिन कुमार, पंकज कुमार ने संतुलित मात्रा में खाद व सिंचाई का उपयोग करने, मिश्रित और बहुस्तरीय खेती करने के साथ ही समुचित जल संरक्षण और प्रबंधन, समेकित कीट प्रबंधन, नाइट्रोजन स्थिरीकरण वाली फसलों का उपयोग करने जैसे रणनीतियों पर विचार दिया।
(Udaipur Kiran) / अमानुल हक