
जोधपुर, 09 अप्रैल (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल पर प्रदेश के उन किसानों को भी अब सरकार की तारबन्दी योजना का लाभ मिलेगा, जिनके पास दो बीघा भूमि है। इससे वे जंगली एवं निराश्रित पशुओं से अपनी फसलों की सुरक्षा का सकेंगे। इस बारे में राज्य सरकार ने आदेश जारी कर दिए हैं।
कृषि विभाग द्वारा कांटेदार विशाल तारबन्दी योजना के अन्तर्गत वर्ष 2025-26 के लिए जारी दिशा-निर्देश के अनुसार अब एक जगह दो बीघा भूमि होने पर भी किसानों को तारबंदी योजना का लाभ मिल सकेगा। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2025-26 के लिए कांटेदार व चेनलिंक तारबंदी योजना के तहत पूर्व वर्षों में तारबंदी योजना के लिए एक ही जगह न्यूनतम 1.5 हैक्टेयर (6 बीघा) भूमि होना आवश्यक था, लेकिन इस वर्ष विभाग की ओर से जारी दिशा-निर्देशों में व्यक्तिगत एवं समूह में तारबंदी करवाने वाले किसान एक जगह न्यूनतम 0.5 हैक्टेयर (दो बीघा) भूमि होने पर तारबंदी योजना का लाभ लेने के लिए पात्र होंगे।
ऐसे मिलेगी सहायता
संयुक्त निदेशक कृषि एसएन गढ़वाल ने बताया कि कांटेदार एवं चैनलिंक तारबंदी योजना में किसानों की सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने के लिए समूह में यदि न्यूनतम 10 किसान मिलकर 5 हैक्टेयर (20 बीघा) भूमि में तारबंदी करवाते हैं तो सभी किसानों को 70 फीसदी अनुदान राशि के हिसाब से प्रति किसान अधिकतम 400 रनिंग मीटर लंबाई पर 56 हजार रुपए की अनुदान राशि मिलेगी। योजना के प्रावधानों के अनुसार व्यक्तिगत या समूह में एक ही जगह पेरिफेरी में न्यूनतम 0.5 हैक्टेयर (2 बीघा) भूमि पर तारबंदी करवाने पर लघु एवं सीमान्त किसानों को 60 फीसदी अनुदान प्रति किसान अधिकतम 400 रनिंग मीटर लंबाई पर अधिकतम 48 हजार रुपए एवं सामान्य किसानों को 50 फीसदी अधिकतम 40 हजार रुपए का अनुदान तारबंदी पर कृषि विभाग से दिया जाएगा।
ऐसे होगी चेनलिंक
विभागीय दिशा-निर्देश के अनुसार किसान व्यक्तिगत या समूह में खेतों की तारबंदी करते समय 15 फीट की दूरी पर खंभे लगाएं व 5 कांटेदार वायर आड़े व 2 कांटेदार वायर क्रॉस लगाएं या चेनलिंक जाल भी लगा सकते हैं। कार्य पूर्ण होने के बाद संबंधित कृषि पर्यवेक्षक से कार्य का भौतिक सत्यापन राज किसान साथी पोर्टल पर ऑनलाइन किया जाएगा। अनुदान राशि का भुगतान सीधे किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर होगा।
(Udaipur Kiran) / सतीश
