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नवाचारों से किसानों का जीवन सुधारने को मप्र सरकार चला रही किसान कल्याण मिशन : मोहन यादव

नरसिंहपुर में कृषि उद्योग समागम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री
उपराष्ट्रपति ने नरसिंहपुर में कृषि उद्योग समागम का शुभारंभ करते हुए
नरसिंहपुर में आयोजित कृषि उद्योग समागम में 'एक पेड़ माँ के नाम' अभियान के अंतर्गत पौधरोपण

भोपाल, 26 मई (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि नई कृषि तकनीकों और नवाचारों से किसानों का जीवन और बेहतर बनाने के लिए हमारी सरकार मिशन मोड पर काम कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन ‘ज्ञान’ को‍ क्रियान्वित करने के लिए हमारी सरकार ने गरीब, युवा, किसान (अन्नदाता) और नारी के सशक्तीकरण के लिए प्रदेश में चार मिशन लॉन्च किए हैं। किसान कल्याण मिशन इसी दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि देश में सर्वाधिक गेहूं उत्पादन में मध्य प्रदेश दूसरे स्थान पर है। राज्य सरकार ने किसानों से 2600 रुपये प्रति क्विंटल गेहूं खरीदा है। हमने किसानों को 32 लाख सोलर पंप बांटने की योजना लागू की है। किसानों को 90 प्रतिशत अनुदान पर सोलर पंप दिए जा रहे हैं। किसानों को सम्पन्न बनाने के लिए सरकार ने किसान मेले शुरू किए हैं इसमें अन्नदाताओं को अनुदान पर आधुनिक कृषि यंत्र दिए जाएंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव सोमवार को नरसिंहपुर जिला मुख्यालय में आयोजित कृषि उद्योग समागम-2025 के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। समारोह में उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ बतौर मुख्य आतिथ्य और उनकी पत्नी डॉ. सुदेश जगदीप धनखड़ विशेष रूप से मौजूद रहीं। उपराष्ट्रपति ने राज्यपाल मंगुभाई पटेल एवं मुख्यमंत्री डॉ. यादव के साथ दीप प्रज्जवलन, कन्या पूजन एवं भगवान बलराम की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित कर 26 से 28 मई तक चलने वाले तीन दिवसीय ‘कृषि-उद्योग समागम 2025’ का विधिवत् शुभारंभ किया। कार्यक्रम को उप राष्ट्रपति और राज्यपाल ने भी संबोधित किया।

मध्य प्रदेश कृषि के मामले में शस्य श्यामला-

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश कृषि के मामले में शस्य श्यामला है। नरसिंहपुर पर मां नर्मदा की विशेष कृपा है। नरसिंहपुर जिला दाल का कटोरा है, यहां की तुअर दाल को जीआई टैग मिला है। दाल उत्पादक किसान देशभर में पहचान बना चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में किसानों की आय बढ़ाने के लिए राज्य सरकार संकल्पित है। मध्य प्रदेश तो नदियों का मायका है। मध्य प्रदेश 247 नदियों का उद्गम है, जो देश में सर्वाधिक है। यहां घने जंगल नदियों एवं जलराशि को समृद्ध करते हैं। मध्य प्रदेश को मां नर्मदा का आशीर्वाद मिला हुआ है। नर्मदा मध्य प्रदेश के साथ-साथ गुजरात और राजस्थान को भी जल प्रदान करती है। महाकौशल, मालवा और निमाड़ का कुछ हिस्सा मां नर्मदा से सिंचित है।

उन्होंने कहा कि मालवा की तरह बुंदेलखंड में केन-बेतवा नदी लिंक परियोजना से समृद्धि आएगी। स्व. अटलजी का सपना पूरा करते हुए प्रदेश सरकार ने तीन बड़ी नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजनाओं पर काम शुरू कर दिया है। पार्वती-काली सिंध-चंबल और तापी मेगा रिचार्ज परियोजना के माध्यम से मध्यप्रदेश विश्वस्तर पर अपनी अलग पहचान बना रहा है।

नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा और मंडला में बन रहे कृषि आधारित उद्योगों के फूड पार्क-

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार कृषि आधारित उद्योग बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। फूड प्रोसेसिंग में प्रगति के लिए नरसिंहपुर में 102 हेक्टेयर में कृषि आधारित उद्योगों का फूड पार्क बनाया जा रहा है। छिंदवाड़ा के बोरगांव और मंडला के मनेरी में 40 इकाइयों वाला फूड पार्क स्थापित होगा। प्रदेश में शीघ्र ही 1300 करोड़ के कृषि उद्योग आकार लेंगे। राज्य सरकार नई तकनीक और नवाचारों के माध्यम से किसानों का जीवन बेहतर कर रही है। जीआईएस: 2025 में हमें 30 लाख करोड़ रुपये से अधिक के औद्योगिक निवेश प्रस्ताव मिले हैं, इससे प्रदेश में 22 लाख से अधिक नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि हमारा प्रदेश तेज गति से विकास की ओर अग्रसर है। यहां अब प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 52 हजार रुपये हो गई है। सरकार ने दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना शुरू की है। इसमें कोई भी किसान 25 से लेकर 200 गाय या भैंस पाल सकता है और सरकार इसमें 25 प्रतिशत तक अनुदान देगी। सरकार का लक्ष्य प्रदेश का दुग्ध उत्पादन योगदान 9 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत तक पहुंचाने का है।

सीहोर में 12 से 14 अक्टूबर तक राज्य स्तरीय कृषि उद्योग समागम होगा-

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहला कृषि मेला सीतामऊ (मंदसौर) में हुआ था, इसके बाद महाकौशल क्षेत्र का कृषि उद्योग समागम आज नरसिंहपुर में हो रहा है। तीसरा कृषि मेला जुलाई महीने में सतना और चौथा कृषि मेला चंबल के मुरैना में आयोजित होगा। इसके बाद 12 से 14 अक्टूबर तक राज्यस्तरीय कृषि मेला भोपाल के पास सीहोर में आयोजित किया जाएगा।

28 मई तक चलेगा तीन दिवसीय कृषि उद्योग समागम-

नरसिंहपुर में यह कृषि उद्योग समागम 28 मई तक चलेगा। इसका उद्देश्य प्रदेश की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को प्रोसेसिंग और वैल्यू एडिशन से जोड़ते हुए निवेश, नवाचार और रोजगार के अवसरों के नए द्वार खोलना है। कृषि उद्योग समागम के शुभारंभ अवसर पर अतिथियों द्वारा नरसिंहपुर जिले में 116 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 86 विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमि-पूजन भी किया गया। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जैविक खेती को बढ़ावा दे रहे किसानों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। उपराष्ट्रपति ने कृषि उद्योग समागम स्थल पर ही नई कृषि तकनीकों पर आधारित एक भव्य प्रदर्शनी का शुभारंभ किया एवं यहां विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉल्स का अवलोकन भी किया।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रह्लाद पटेल ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि मां नर्मदा के आशीर्वाद से नरसिंहपुर का किसान हर तरह से सम्पन्न है। नरसिंहपुर जिले में मां नर्मदा 123 किलोमीटर तक प्रवाहित होती है। मां नर्मदा की असीम कृपा से यहां के किसान और नागरिक दोनों विकास की धारा की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम में खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, कृषि मंत्री एदल सिंह कंषाना, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा, सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते, दर्शनसिंह चौधरी, माया नारोलिया, विधायक विश्वनाथ सिंह सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में किसान बंधु और ग्रामीणजन उपस्थित थे।—————

(Udaipur Kiran) तोमर

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