Uttar Pradesh

किसान न हों परेशान, उर्वरक उपलब्ध कराना प्रदेश सरकार का दायित्व : सूर्य प्रताप शाही 

सूर्य प्रताप शाही

लखनऊ, 19 नवम्बर (Udaipur Kiran) । सरकार की तरफ से दावा किया जा रहा है कि प्रदेश में उर्वरक की मात्रा पर्याप्त है। किसी किसान को घबराने की जरूरत है। इसके बावजूद प्रदेश में जगह-जगह किसानों को उर्वरक के लिए लम्बी लाइन लगाना पड़ रहा है। इसको लेकर कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने मंगलवार को विधान भवन में समीक्षा बैठक की।

कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों को फसल बुवाई में किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। प्रदेश के किसानों को उनकी जोत व आवश्यकता के अनुसार उर्वरकों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराना प्रदेश सरकार का दायित्व है। 13 नवंबर को सम्पन्न हुई उर्वरक समीक्षा बैठक में कृषकों द्वारा प्रायः उर्वरकों का क्रय करने हेतु साधन सहकारी और सहकारिता क्षेत्र को प्राथमिकता देने के दृष्टिगत निजी क्षेत्र के उर्वरक कम्पनियों की जनपद में लगने वाली उर्वरक रैक में 30 प्रतिशत उर्वरक सहकारिता क्षेत्र को उपलब्ध कराने के निर्देश पर शासनादेश निर्गत है, परन्तु वर्तमान में कृषकों के द्वारा की जा रही दैनिक औसत खपत के दृष्टिगत उक्त 30 प्रतिशत मात्रा को बढ़ाकर 50 प्रतिशत किये जाने का निर्णय लिया गया है।

सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि वर्तमान में भारत सरकार द्वारा 127 फास्फेटिक उर्वरकों की रैंक डिस्पैच की गई है, जिसमें से 86 रैक पहुँच चुकी हैं तथा शेष 41 फास्फेटिक रैक रास्ते में है, जिनके आगामी 02 से 03 दिन के भीतर अपने गन्तव्य तक पहुँचने की सम्भावना है। कृषि मंत्री द्वारा उक्त उर्वरक आपूर्ति प्रक्रिया को सुचारू रूप से आवंटन के सापेक्ष शत-प्रतिशत आपूर्ति करने हेतु बैठक में उपस्थित संस्था प्रतिनिधियों को निर्देशित किया गया। इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि उर्वरक कम्पनियों द्वारा उर्वरकों की आपूर्ति थोक उर्वरक विक्रेताओं को किये जाने तथा थोक उर्वरक विक्रेताओं द्वारा फुटकर उर्वरक विक्रेताओं को उर्वरक पहुँचाने की प्रक्रिया में किसी प्रकार से विलम्ब न किया जाए।

साथ ही कोई भी उर्वरक कम्पनियों के द्वारा थोक उर्वरक विक्रेताओं को उर्वरक के साथ कोई अन्य उत्पाद को टैगिंग न किया जाए। थोक उर्वरक विक्रेताओं द्वारा फुटकर उर्वरक विक्रेताओं को उर्वरक समय से पहुँचाया जाए,इसमें होल्डिंग न करें। प्रदेश के समस्त उर्वरक बिक्री केन्द्रों पर उर्वरक का विक्रय बोरी में अंकित अधिकतम विक्रय मूल्य से अधिक दर पर बिक्री न कर रहे हों। उपरोक्त के क्रम में कालाबाजारी व अधिक मूल्य पर बिक्री व उर्वरकों की होल्डिंग तथा टैगिंग से सम्बन्धित तथ्य प्रकाश में आता है तो तत्काल सम्बन्धित के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराते हुए उर्वरक विक्रय प्राधिकार पत्र को भी निरस्त करें एवं नियमानुसार विधिक कार्यवाही करें।

(Udaipur Kiran) / उपेन्द्र नाथ राय

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