Uttar Pradesh

वैज्ञानिक पशुपालन प्रशिक्षण शिविर में किसानों ने सीखे आत्मनिर्भरता के मंत्र

वैज्ञानिक पशुपालन प्रशिक्षण शिविर, किसानों ने सीखे आत्मनिर्भरता के मंत्र

मीरजापुर, 8 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । प्राचीन ज्ञान और आधुनिक तकनीकों के संगम से समृद्ध विंध्य क्षेत्र में वैज्ञानिक पशुपालन प्रशिक्षण शिविर का सफल आयोजन किया गया। कृषि विज्ञान संस्थान बीएचयू के अंतर्गत शुष्क कृषि परियोजना के तत्वावधान में राजीव गांधी दक्षिणी परिसर में 6 से 8 फरवरी तक चले इस प्रशिक्षण ने पहाड़ी ब्लाक के किसानों के लिए नए अवसरों और आत्मनिर्भरता के द्वार खोले।

प्रशिक्षण में ग्राम पड़री, गुरुखुली, टेढ़ा और शिवगढ़ से आए 50 किसानों ने भाग लिया। पशु चिकित्सा विज्ञान संकाय के विशेषज्ञों ने उन्हें गाय, भैंस, मुर्गी, बकरी और भेड़ पालन की वैज्ञानिक विधियों की विस्तृत जानकारी दी। किसानों को पशुओं के पोषण, रोग-निदान, प्रबंधन और देखभाल के बारे में जागरूक किया गया।

शिविर के अंतिम दिन शुष्क कृषि परियोजना के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. एके नेमा ने किसानों को चरी (चारे) के बीज एवं येलो स्टीकी ट्रैप वितरित किए। उन्होंने बताया कि यह ट्रैप सरसों की फसल में माहू कीट की रोकथाम में अत्यधिक कारगर है। यह नवाचार किसानों की पैदावार और आय बढ़ाने में मददगार साबित होगा।

समापन समारोह में परियोजना के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. अनुपम कुमार नेमा, सहायक वैज्ञानिक डॉ. सुधीर कुमार राजपूत, तकनीकी सहायक दिव्य दर्शन सिंह, शोध छात्र अंबिकेश त्रिपाठी तथा पशु चिकित्सा विज्ञान संकाय के डॉ. जयंत गोयल, डॉ. महेश कुमार, डॉ. अभिषेक, डॉ. अमित कुमार गुप्ता सहित कई विशेषज्ञों ने किसानों को मार्गदर्शन दिया।

(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा

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