Bihar

खरीफ महा अभियान प्रशिक्षण में तकनीकी जानकारी से लैस हुए किसान 77%कृषि यंत्रों पर अनुदान

प्रशिक्षण में शामिल पदाधिकारीगण

नालंदा,बिहारशरीफ 29 मई (Udaipur Kiran) । नालंदा जिलान्तर्गत हरनौत प्रखंड मुख्यालय स्थित ई-किसान भवन में गुरूवार को शारदीय (खरीफ) महा अभियान के अंतर्गत प्रखंड स्तरीय प्रशिक्षण सह उपादान वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण (आत्मा) द्वारा किया गया जिसकी अध्यक्षता बीएओ ब्रज किशोर चरण ने की और संचालन पसंस रौशन कुमार ने किया।

कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ किया गया।इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र हरनौत के गृह विज्ञान विभाग की वैज्ञानिक डॉ. ज्योति सिन्हा, वैज्ञानिक कुमारी विभा रानी, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी विजेश कुमार सिंह, आत्मा के उप परियोजना निदेशक अविनाश कुमार, तकनीकी सहायक धनंजय कुमार, बीडीओ उज्जवल कांत, सीओ सोनू कुमार, मुखिया एवं आत्मा अध्यक्ष हरिनारायण सिंह, गोनावां मुखिया अमरेश उपाध्याय सहित कई अधिकारी और किसान उपस्थित थे।

बीएओ ब्रज किशोर चरण ने बताया कि प्रखंड के चेरन, सबनहुआडीहा और डिहरी पंचायतों में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए 125 एकड़ में खेती का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने फार्मर आईडी और बिहार कृषि ऐप की उपयोगिता के बारे में भी जानकारी दी।तकनीकी सहायक धनंजय कुमार ने किसानों को बताया कि ग्रीष्मकालीन जुताई खरपतवार प्रबंधन, मशीनरी का उपयोग ट्राईकोडर्मा जैसे जैविक उत्पाद, और धान की सीधी बुवाई पर जानकारी दी।

उन्होंने अरहर की खेती पर विशेष बल देते हुए कहा—”पंक्ति में शक्ति है”। उन्होंने बताया कि 70×40 सेमी की दूरी पर रोपाई करने से बेहतर उत्पादन प्राप्त होता है।उप परियोजना निदेशक अविनाश कुमार ने बताया कि पहले जहां 90 प्रकार के यंत्र दिए जाते थे, अब छंटनी के बाद 77 प्रकार के कृषि यंत्रों पर 40 से 80% तक की सब्सिडी दी जा रही है।

गोनावां मुखिया अमरेश उपाध्याय ने कहा कि किसानों को बीज वितरण की जानकारी समय पर नहीं मिलने के कारण कई बार वे इससे वंचित रह जाते हैं। उन्होंने किसानों को जागरूक करने की आवश्यकता बताई।वैज्ञानिक डॉ. ज्योति सिन्हा ने बताया कि मरुआ की खेती कम लागत, समय की बचत और पोषण से भरपूर है। इससे कई प्रकार के व्यंजन बनाए जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि केभीके में 18 से 60 वर्ष की आयु वर्ग के लोगों को विविध प्रशिक्षण दिए जाते हैं।

वैज्ञानिक विभा रानी ने जलवायु अनुकूल खेती धान की किस्में पेड़ लगाने की आवश्यकता और पायलट प्रोजेक्ट्स की जानकारी दी।अनुमंडल कृषि पदाधिकारी ने मिट्टी जांच, बिहार कृषि ऐप, और सरकार की विभिन्न योजनाओं पर प्रकाश डाला। वहीं कार्यक्रम में मुखिया संघ के अध्यक्ष रणविजय पटेल ने सीओ पर बिचौलिए के संरक्षण का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सीओ के पास करीब 10 प्रकार के बिचौलिए सक्रिय हैं, जो किसानों को परेशान करते हैं।

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(Udaipur Kiran) / प्रमोद पांडे

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