Haryana

कैथल: कृषि विभाग में रिश्वत की वीडियो की जांच करवाने की मांग को लेकर किसानों ने किया प्रदर्शन

मामले की जांच करवाने को लेकर ज्ञापन देते हुए भारतीय किसान यूनियन के नेता

कैथल, 11 जुलाई (Udaipur Kiran) । भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) की ढांड ब्लाक की बैठक ब्लाक प्रधान पिरथी कौल की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में जिलाध्यक्ष गुरनाम सिंह फरल व युवा प्रदेशाध्यक्ष विक्रम कसाना एडवोकेट ने विशेष तौर पर भाग लिया। बैठक का संचालन युवा जिलाध्यक्ष विक्रम दूसैण ने किया। बैठक के बाद युवा प्रदेशाध्यक्ष विक्रम कसाना एडवोकेट के नेतृत्व में जिला कृषि विभाग कैथल के अधिकारी व कर्मचारी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए किसान ढांड तहसील कार्यालय में पहुंच कर नायब तहसीलदार ढांड को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।

मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन में युवा प्रदेशाध्यक्ष विक्रम कसाना ने कहा कि भाकियू (चढूनी) सरकार से मांग करती है कि कृषि विभाग के जिला कार्यालय में जिस तरह एक कच्चे कर्मचारी की ओर से डीडीए कैथल की आडियो व लिस्ट व्हाटसएप ग्रुपों में जारी कर लाखों रूपए की रिश्वत लेने के मामले की पोल खोली गई है। उस पर सरकार व प्रशासन को तत्काल जांच कर दूध का दूध और पानी का पानी करना चाहिए, ताकि आमजन को इन भ्रष्ट आधिकारियों से निजात मिल सके। उन्होंने कहा कि जिस तरह से लाखों रूपए की रिश्वत के आरोप आडियो के माध्यम से सरेआम लगाए जा रहे है। वह काफी गंभीर विषय है और जिन दवाई विक्रेताओं के नाम लिस्ट में दर्शाए गए है। उनके खिलाफ भी प्रशासन को सख्त एक्शन लेना चाहिए।

जिलाध्यक्ष गुरनाम फरल ने कहा कि कृषि विभाग के कार्यालय का यह मामला काफी दिनों से सुर्खियों में आया हुआ था, लेकिन प्रमाण के तौर पर किसी को कुछ हासिल नहीं हो रहा था। तब एक कच्चे कर्मचारी ने जब बड़े अधिकारी की लाखों रूपय के भ्रष्टाचार की तमाम पोल खोल दी तो उस अधिकारी ने कच्चे कर्मचारी पर मामला दर्ज करवा दिया।

इस मामले में कच्चे कर्मचारी के साथ-साथ जिस अधिकारी पर आरोप लगे है उसके खिलाफ भी तुरंत मामला दर्ज किया जाना चाहिए। जिस कर्मचारी ने यह पूरा मामला उजागर किया है वह पिछले कई साल से कृषि विभाग कार्यालय मे तैनात है। इसके माध्यम से ही यह सब रिश्वत का खेल चल रहा था, अब जब रिश्वत की बंदरबाट को लेकर आपस मे झगड़ा हुआ तो यह भ्रष्टाचार का मामला उजागर कर दिया। इस कर्मचारी की प्रोपर्टी की जांच की जाए ओर जिला कृषि अधिकारी व कर्मचारी के मोबाईल फोन की काल डिटेल निकलवाकर जांच में शामिल की जाए।

(Udaipur Kiran) / नरेश कुमार भारद्वाज / SANJEEV SHARMA

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