Haryana

फरीदाबाद : जबरन डिलीवरी करने में तीन नर्स दोषी, होगी कार्यवाही

अस्पताल में भर्ती पीडि़त महिला वर्षा व पास खड़ा उसा पति।

फरीदाबाद, 3 सितंबर (Udaipur Kiran) । करीब 12 दिन पूर्व जिले के सरकारी अस्पताल बादशाह खान में महिला की गलत डिलीवरी करने के दौरान पेट में बच्चे की मौत मामले में सिविल सर्जन ने तीन एनएचएम की स्टाफ नर्स को दोषी पाया है। फरीदाबाद के सिविल सर्जन डा. अशोक कुमार ने मंगलवार को बताया कि मामले में नर्स बलजीत, मंजू, पूनम दोषी है, उनके खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।

उन्होंने कहा कि उस दिन मॉर्निंग में तीन स्टाफ नर्स की ड्यूटी थी, इस दौरान काम में लापरवाही पाई गई है। जांच कमेटी ने उनकी रिपोर्ट सौंप दी है। इसमें यह तीनों दोषी पाए गए हैं, अब इन्हें टर्मिनेट करना है या सस्पेंड करना है, इसका फैसला जिला उपायुक्त करेंगे। उल्लेखनीय है कि सेहतपुर की रहने वाली वर्षा डिलीवरी के लिए अस्पताल में 21 अगस्त को भर्ती हुई थी। जिसने बादशाह खान सिविल अस्पताल में डिलीवरी के दौरान हुई उसके साथ हुई लापरवाही का खुलासा किया है। वर्षा ने बताया कि जब उसे लेबर पेन हो रहा था, तब उसकी मां से स्टाफ नर्स ने डिलीवरी करने के लिए 3 हजार मांगे थे। जब उसे दर्द हो रहा था, तो चारों ने न केवल उसे बुरी तरह पीटा बल्कि उसके पेट पर और प्राइवेट पार्ट पर भी लात मार दी थी। वर्षा ने बताया कि मारपीट के दौरान उसे बेड से गिरा दिया गया था, फिर बेड पर डाला गया और फिर उसके साथ मारपीट की गई।

जबरदस्ती उसके बच्चे की डिलीवरी कराई जा रही थी। इस दौरान उसके शरीर पर दो जगह कट लगा दिए। इसके बाद उसकी आंखों के आगे अंधेरा होने लगा और उसे कुछ पता नहीं चला। बाद में जब उसे होश आया तो बताया कि उसने बच्ची को जन्म दिया था, जिसकी मौत हो चुकी है। वर्षा ने बताया कि उसकी बच्ची की मौत की जिम्मेदार चारों स्टाफ नर्स ही हैं, जिन्होंने उसके साथ मारपीट की थी । पीड़िता की मां रेखा ने बताया कि इस घटना को लगभग 10 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक उनकी बहू के साथ मारपीट करने वाली चारों नर्सों को उनके सामने नहीं लाया गया है। अब पुलिस भी उल्टा उन पर ही फैसला करने का दबाव बना रही है। पुलिस उन्हें जाकर उलटे धमकाती है। महिला के ससुर विजय कुमार ने बताया कि उसके बाद बड़ी डॉक्टर ने उनकी बहू का ऑपरेशन किया, इसके चलते उनकी बहू की जान बच पाई। वहीं पुलिस अब इस मामले को लेकर कार्रवाई करती हुई नजर नहीं आ रही है। अभी तक डिलीवरी कराने की एवज में 3000 रिश्वत मांगने वाली की स्टाफ नर्स पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। पुलिस सभी को बचाने में जुटी है।

(Udaipur Kiran) / -मनोज तोमर

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