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फरीदाबाद : सूरजकुंड शिल्प मेला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छोड़ेगा अमिट छाप : कला रामचंद्रन

सूरजकुंड मेला परिसर की चौपाल पर पत्रकारों से संवाद करती हरियाणा पर्यटन निगम की प्रधान सचिव कला रामचंद्रन, साथ हैं डीसी विक्रम सिंह व अन्य अधिकारीगण।

सूरजकुंड शिल्प मेले में 42 देशों के 648 होंगे प्रतिभागीगोवा-ओडिशा के पवेलियन होंगे मुख्य आकर्षण,1600 पुलिस कर्मी तैनात

फरीदाबाद, 6 फरवरी (Udaipur Kiran) । सूरजकुंड में सात से 23 फरवरी तक आयोजित हो रहा 38वां सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला कला एवं संस्कृति का नई ऊर्जा और उत्साह के साथ इतिहास रचेगा। मेले में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहले से कहीं अधिक भागीदारी देखने को मिलेगी। मेले में 42 देशों के 648 प्रतिभागी इसमें हिस्सा लेंगे। मेले में ओडिशा और मध्य प्रदेश दो थीम राज्य हैं। मेले में पर्यटकों को अन्य प्रदेशों के साथ-साथ इन थीम प्रदेशों की समृद्ध संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। यह जानकारी हरियाणा पर्यटन निगम की प्रधान सचिव और सूरजकुंड मेला प्राधिकरण की उपाध्यक्ष कला रामचंद्रन ने गुरूवार को सूरजकुंड मेला परिसर में स्थित चौपाल में पत्रकारों को संबोधित करते हुए दी। मेला परिसर में पत्रकारों को जानकारी देते हुए प्रधान सचिव कला रामचंद्रन ने बताया कि इस मेले के माध्यम से हरियाणा प्रदेश अपनी सांस्कृतिक परंपराओं को देश-दुनिया में पहुंचाने में सशक्त माध्यम बनेगा। उन्होंने बताया कि केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत शुक्रवार, सात फरवरी को सुबह दस बजे 38वें अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले का शुभारंभ करेंगे। शुभारंभ अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह और प्रदेश के पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा की गरिमामयी उपस्थिति रहेगी। प्रधान सचिव ने कहा कि सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला दुनिया का सबसे बड़ा शिल्प मेला बन चुका है, जो भारत की समृद्ध कला परंपराओं को संजोए हुए है। उन्होंने कहा कि 38 वां सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला महज एक प्रदर्शनी नहीं है बल्कि यह कारीगरी, विरासत और वैश्विक एकता का उत्सव है। इस मेले को लेकर सभी प्रकार से पुख्ता प्रबंध किए गए हैं, पर्यटकों को यहां पर किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी से मेले की हर गतिविधि की निगरानी रहेगी। प्रैस वार्ता में सूरजकुंड मेले के थीम स्टेट ओडिसा से प्रिंसिपल रेजीडेंट कमिश्रर मृनालनि दरसवाल और मध्यप्रदेश से देवेंद्र राय ने उनके राज्यों से मेले में होने जा रही शिल्प और सांस्कृतिक विरासत के बारे में जानकारी दी। उन्होंने मेले की भव्य तैयारियों को लेकर हरियाणा सरकार और पर्यटन विभाग का आभार जताया। प्रधान सचिव ने बताया कि इस बार मेले की अंतरराष्ट्रीय भागीदारी भी अभूतपूर्व होगी। मेले में 42 देशों के 648 प्रतिभागी इसमें हिस्सा लेंगे, जिनमें मिस्र, इथियोपिया, सीरिया, अफगानिस्तान, बेलारूस, म्यांमार और बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल के सदस्य देश शामिल हैं। इस वर्ष मेले में विशेष आकर्षण और भव्य प्रस्तुतियां इसे नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगी। शिल्प लाइव डेमोंस्ट्रेशन कारीगर अपने परंपरागत शिल्प कौशल का लाइव प्रदर्शन करेंगे, जिससे दर्शक उनकी मेहनत और हुनर को करीब से देख सकेंगे। ऐसे में कलात्मक संवाद में शामिल आगंतुक सिनेमा, फोटोग्राफी, थिएटर, पेंटिंग और मूर्तिकला जैसे विभिन्न कलाक्षेत्रों के विशेषज्ञों से संवाद कर सकते हैं और उनकी रचनात्मक प्रक्रिया को समझ सकते हैं। मेले के दौरान पर्यटकों को संगीत नृत्य का अनुपम संगम देखने को मिलेगा, जिसमें देशभर के सुप्रसिद्ध कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में पद्मश्री अवार्डी महावीर गुड्डू, डॉ. सतिंदर सरताज, ममे खान, पापोन और बैंड्स, सौरव अत्री की मनमोहक संगीत प्रस्तुतियां रहेंगी। साथ ही डॉ. इरशाद कमाल की काव्य संध्या सुनने को मिलेगी। इनके अलावा प्रिय वेंकटरमन और देविका देवेंद्र एस. मंगला मुखी की शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुति रहेगी। विख्यात हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा और गौरव गुप्ता अपने हास्यरस से पर्यटकों को हंसी से लोटपोट करेंगे। इस बार ओडिशा और मध्य प्रदेश के पारंपरिक सांस्कृतिक मुख्य आकर्षण का केंद्र रहेंगे।

(Udaipur Kiran) / -मनोज तोमर

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