फरीदाबाद, 4 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । अमृता अस्पताल फरीदाबाद के डॉक्टरों ने 22 वर्षीय व्यक्ति के कान को बचाने के लिए 11 घंटे के माइक्रोसर्जिकल ट्रांसप्लांट को सफलतापूर्वक किया। मरीज का बायाँ कान उसके पालतू जानवर पिटबुल द्वारा दुर्घटनावश काटने के कारण लगभग कट गया था। यह चुनौतीपूर्ण सर्जरी एक जीवन-परिवर्तनकारी प्रक्रिया थी जिसने न केवल रोगी की शारीरिक उपस्थिति बल्कि उसके आत्मविश्वास को भी बहाल किया है।
अस्पताल की तरफ से शुक्रवार काे जारी जानकारी के अनुसार फरीदाबाद के रहने वाले व्यक्ति के पालतू कुत्ते ने उनका बाएं कान का अधिकांश हिस्सा काट लिया था और कान केवल 2 मिमी की एक छोटी त्वचा के पुल से जुड़ा हुआ था। इसके घटना के बाद पीडि़त को अमृता अस्पताल लाया गया और उन्हें तुरंत इमरजेंसी में एडमिट किया, जहां अस्पताल की मेडिकल टीम ने मरीज के कान में रक्त के प्रवाह को फिर से स्थापित करने को प्राथमिकता दी। अस्पताल के एचओडी डॉ. मोहित शर्मा ने कहा, कि कान की वाहिकाएँ बेहद छोटी होती हैं, जिनकी माप 0.5 मिमी से भी कम होती है। इससे प्रक्रिया में कठिनाई बढ़ गई, क्योंकि नसें पूरी तरह से फट गई थीं।
छेद को बंद करने और कान को पुनर्जीवित करने के लिए, धमनी और शिरा के क्षतिग्रस्त घटक को बदलने के लिए शरीर के दूसरे क्षेत्र से एक छोटे से नस खंड का उपयोग करना पड़ा। सर्जरी में छोटी वाहिकाओं को फिर से जोडऩे के लिए 40ङ्ग आवर्धन ऑपरेटिंग माइक्रोस्कोप और सुपर-माइक्रोसर्जिकल उपकरणों का उपयोग करना शामिल था, जो कान में ऑक्सीजन युक्त रक्त की आपूर्ति को बहाल करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। टीम ने 11 घंटे में दो सर्जरी सफलतापूर्वक पूरी की, पहला ऑपरेशन छह घंटे और दूसरा पांच घंटे तक चला।
(Udaipur Kiran) / -मनोज तोमर