-डॉ. हेडगेवार की समाधि पर किया था नमन
नागपुर, 10 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । प्रसिद्ध उद्योगपति स्वर्गीय रतन टाटा का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से गहरा नाता था। इसी के चलते 8 साल पहले रतन टाटा ने अपना 79वां जन्मदिवस संघ कार्यालय में मनाया था। सारे कार्यक्रम रद्द कर रतन टाटा नागपुर पहुंचे थे। संघ ने भी अपने सारे नियम और सादगी से इतर रतन टाटा का जोरदार स्वागत किया था।
प्रसिद्ध उद्योगपति टाटा और नागपुर का रिश्ता तीन पीढ़ियों का रहा है। रतन टाटा के पुर्खों ने नागपुर में एम्प्रेस मिल की स्थापना की थी। महज 50 लाख रुपये की कमी के चलते यह मिल टाटा समूह को बंद करनी पड़ी थी। इस तरह से मिल का बंद हाेना रतन टाटा के लिए बेहद कष्टप्रद था। रतन टाटा ने इस बात का जिक्र अपने कुछ साक्षात्कारों में किया था। इसके अलावा नागपुर में जन्मे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी टाटा परिवार के रिश्ते बेहद करीबी थे। कारोबार के आइकॉन के रूप में देश में स्थापित हो चुके रतन टाटा के जीवन में समाजसेवा, दान और राष्ट्रवाद यह तीन बातें उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के करीब ले गईं।
इसी के चलते 28 दिसंबर 2016 काे रतन टाटा अपने 79वें जन्मदिवस के अवसर पर अचानक नागपुर पहुंचे थे। स्वर्गीय नाना चुडासमा की पुत्री तथा भाजपा नेता शाइना एनसी के साथ दोपहर को रतन टाटा नागपुर एयरपोर्ट पर उतरे। उस वक्त नागपुर एयरपोर्ट पर जिसने भी उन्हें देखा उन सभी की आँखें खुशी से चमक उठीं। वहीं टाटा के स्वागत में नागपुर के सभी प्रमुख संघ पदाधिकारी एयरपोर्ट पर मौजूद थे। अमूमन संघ सादगी में विश्वास रखता है, नतीजतन मेहमानों के स्वागत में जमावड़ा और तामझाम से संघ हमेशा दूर रहता है। लेकिन टाटा के स्वागत में संघ के कई प्रमुख लोग इकठ्ठा हुए थे।
प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा 28 दिसंबर 2016 को जब नागपुर पहुंचे थे, तब का दौर टाटा समूह के लिए दिक्कत भरा था। साइरस मिस्त्री को बाहर का रास्ता दिखाने के बाद टाटा ग्रुप थोड़ी मुश्किल में आ गया था। ऐसे माहौल में अपने जन्मदिन पर रतन टाटा ने सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत से मुलाकात की। दोनों में करीब 30 मिनट तक चर्चा हुई थी। इस मुलाकात के दौरान भाजपा नेता शाइना एनसी भी उनके साथ थीं। वहीं अपनी नागपुर यात्रा के दौरान रतन टाटा नागपुर के रेशमबाग स्थित डॉ. हेडगेवार स्मृति मंदिर भी गए थे। वहां उन्होंने संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार और गोलवलकर गुरुजी की समाधि पर नमन कर श्रद्धांजलि दी थी। नागपुर दौरे के बाद, टाटा ट्रस्ट ने चंद्रपुर जिले में अत्यधुनिक बांस प्रशिक्षण केंद्र के संबंध में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। जबकि 18 अप्रैल 2019 को हुआ प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा का दूसरा नागपुर दौरा गोपनीय था। अपनी दूसरी नागपुर यात्रा में भी टाटा संघ कार्यालय गए और सरसंघचालक से मिले थे। टाटा की संघ विचारों में आस्था और स्वयंसेवकों के प्रति लगाव उनमें अंतिम क्षणों तक बरकरार रहा।
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(Udaipur Kiran) / मनीष कुलकर्णी