
जींद, 22 दिसंबर (Udaipur Kiran) । समाज-सेवी वीरेंद्र करसिंधु समाज के लिए प्रेरणा स्त्रोत बने है। तीसरी बेटी आदिती सिंह के जन्म की खुशी में रविवार को दसूठन का आयोजन किया। अपने परिचतों, रिश्तेदारों के साथ बेटी के जन्म की खुशी सांझा की। महिलाओं ने मंगल गीत गाए तो डीजे पर नाचकर बेटी के जन्म की खुशी मनाई। बेटी के जन्म पर छठी कार्यक्रम का आयोजन भी किया।
वीरेंद्र करसिंधु के दो बड़ी बेटी व एक बेटा पहले है। वीरेंद्र करसिंधु ने कहा कि जिस घर में बेटी जन्म लेती है, उस घर में भगवान का वास होता है। जब नवरात्र में माता दुर्गा की पूजा, व्रत करते हैं। दीपावली के पर्व पर मां लक्ष्मी का पूजन करते है तो बेटी के जन्म पर भी खुशी मनानी चाहिए। एक जमाना था जब बेटियों को अभिषाप माना जाता था लेकिन वो बदलती पीढ़ी के साथ बदल गया है। आज बेटी के जन्म पर कुआं पूजन एवं अन्य पूजन शुरू हो गई है। आज बेटी बेटों से कम नहीं है।
पीएम, राष्ट्रपति, सीएम के पद पर भी बेटियां पहुंची है। अंतरिक्ष में जाने वाली डा. कल्पना चावला, देश की आजादी में अंग्रेजों से लडऩे वाली लक्ष्मीबाई बेटी ही थी। लोगों को चाहिए कि बेटियों के बराबर समझते हुए उनको सम्मान दें। करसिंधु ने कहा कि बीते दिनों डूमरखां खुर्द गांव में जो कन्या भ्रूण मिला है ऐसी घटनाएं समाज के लिए निंदनीय है। बेटी को जन्म देना चाहिए। क्योंकि मां बनने से पहले हर महिला किसी न किसी की बेटी होती है। कन्या भ्रूण का महिलाओं को विरोध करना चाहिए। भ्रूण हत्या जैसा महापाप है, जिसको भगवान भी माफ नही करता है।
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(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा
