
-दो दिवसीय कुटुम्ब प्रबोधन का समापन
प्रयागराज, 08 जून (Udaipur Kiran) । परिवार विश्वास पर आधारित है और परिवार में शक्ति, बल, शील, ओज, धैर्य, युक्ति, बुद्धि, दृष्टि और दक्षता की आवश्यकता होती है। हमारे परिवार टूट रहे हैं, यह एक षड्यंत्र का हिस्सा भी हो सकता है। इसलिए परिवार संगठित रहे, शक्तिमय बने, सभी परिवार जन सुखी और सम्पन्न होंगे। तब ऐसे परिवार से ही निकल कर बच्चे राष्ट्र के विकास में अपना योगदान दे सकेंगे।
उक्त विचार डॉ रविंद्र जोशी ने रविवार को दो दिवसीय कुटुम्ब प्रबोधन कार्यशाला का चिन्मय मिशन सेवा आश्रम में समापन सत्र में लोगों को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किया। उन्होंने हमारा परिवार भक्ति मय बने, शक्ति मय बने। ‘जहां सुमति तहं सम्पत्ति नाना’ कहते हुए उन्होंने लोगों का आह्वान भी किया।
उन्होंने आगे कहा कि इसके लिए हमें समाज में ऐसी समझ रखने वाले लोगों को अपने कुटुम्ब प्रबोधन संगठन से जोड़ना होगा। चिकित्सा विधि, विज्ञान विधि मनोविज्ञान में दक्ष ऐसे व्यक्तियों को जोड़ना होगा जिससे परिवार में आने वाली समस्याओं का निराकरण कराया जा सके। 10 परिवार पर एक कुटुम्ब मित्र बने जो उन 10 परिवारों की चिंता करे। परिवारों में होने वाले कार्य व्यवहारों के बारे में जानकारी रखें सनातन धर्म के उपयुक्त उनको सलाह भी दे सके। वह आपस में मिलजुल कर संवाद भी स्थापित करें। ऐसे ही परिवार एक समाज के हिस्सेदार होंगे और उस समाज के माध्यम से ही विकसित देश बन सकेगा। हम सभी की यह जिम्मेदारी है कि अपने परिवार को समय दें। बच्चों के साथ बैठे उनके कार्य उनकी शिक्षा उनके व्यवहार को समझें और उनसे मित्रवत व्यवहार करें।
डॉ जोशी ने कहा कि पश्चिम और भौतिकता की अंधी दौड़ में हमारे परिवार टूट रहे हैं। परिवार व्यवस्था विश्व को भारत वर्ष की अनोखी देन है, इसे हमें बचाना होगा और सभी देशभक्त नागरिकों को आगे आना होगा। कुटुम्ब व्यवस्था सुदृढ करने हेतु राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कुटुम्ब प्रबोधन आयाम बड़ी मात्रा में कुटुम्ब मित्रों का चयन करेगा और समाज में कार्य करने हेतु उनको दक्ष करेगा। जिससे परिवार व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा सके। उसमें आ रही कमियों को दूर किया जा सके। सामूहिक भोजन सामूहिक भजन और सामूहिक भ्रमण यह परिवार का आवश्यक अंग भी बने। इस प्रकार डॉ रविंद्र जोशी ने समाज से यह अपेक्षा किया यह राष्ट्र के लिए बहुत आवश्यक है। हम सब इसमें योगदान दें। सभी को अपनी सांस्कृतिक धरोहर से अवगत करायें हमारे वैज्ञानिक हमारे गणितज्ञ हमारे ऋषि मुनि इन सबका समाज में कितना बड़ा योगदान है। जिन्होंने अपने शरीर को ही प्रयोगशाला बनाकर हमें कितना ज्ञान दिया। जिसका लाभ आज भी पूरे संसार को मिल रहा है।
समापन सत्र और अन्य सत्रों में विशेष रूप से संयुक्त क्षेत्र संयोजक ओमपाल, क्षेत्र संयोजक अशोक उपाध्याय, डॉ जेपी सिंह, नरेंद्र श्रीवास्तव, डॉ अयोध्या प्रसाद, वंश नारायण पाठक, बालकृष्ण और प्रयागराज विभाग के कार्यकर्ता और काशी प्रांत के आए हुए सभी कार्यकर्ता बहन और भाइयों ने भाग लिया।
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(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र
