Haryana

पानीपत में फर्जी रजिस्ट्री का भंडाफोड़, जांच शुरू

तहसीलदार वीरेंद्र गिल
तहसील कार्यालय स्थित पंजीकरण कार्यालय

पानीपत, 17 अप्रैल (Udaipur Kiran) । पानीपत लघु सचिवालय में फर्जी रजिस्ट्री का मामला सामने आया है। जहां एक प्रॉपर्टी डीलर ने टाइपिस्ट और तहसील कर्मचारियों से मिलीभगत करके महिला के मकान की रजिस्ट्री दूसरी महिला के नाम करवा दी। मामले का खुलासा तब हुआ जब यह बात तहसील के एक कर्मचारी ने फर्जी रजिस्ट्री की बात पूरे कार्यालय में फैली दी। चर्चा है कि यह मामला उजागर करने वाले कर्मचारी को अपना हिस्सा नहीं मिला तो उसने शोर मचा दिया। विवाद बढ़ने पर नंबरदार ने खुद मौखिक रूप से महिला की पहचान करते हुए तहसीलदार को मामले की जानकारी दी।

तहसीलदार ने तथ्यों के आधार पर मामले की शिकायत पुलिस से की। मामले में जब पानीपत के तहसीलदार वीरेंद्र गिल ने बताया कि जैसे ही मामला उनके संज्ञान में आया तो उन्होंने तुरंत पुलिस को लिखित शिकायत दे दी। जानकारी के अनुसार मामला पानीपत के न्यू रमेश नगर का है। जहां मोना नाम की महिला की जगह कॉलोनी की रहने वाली महिला पिंकी को तहसील में खड़ा कर फर्जी रजिस्ट्री करवा दी गई। महिला को थोड़े पैसों का लालच देकर मोना की जगह खड़ा कर रजिस्ट्री पर पिंकी को मोना बनाकर फोटो करवा दी गई।

मामले का खुलासा होने पर शिनाख्त करने वाले नंबरदार राजू ने ही फर्जी महिला पिंकी के खिलाफ तहसीलदार को शिकायत दी। तहसीलदार वीरेंद्र गिल ने मामले की शिकायत संबंधित थाना सिटी थाना को दी है, जिसकी जांच जारी है। पानीपत के न्यू रमेश नगर में 18 सेक्टर की रहने वाली महिला मोना का 60 वर्ग गज का एक प्लाट था, जोकि मोना ने फुल पेमेंट एग्रीमेंट पर गुड्डी नाम की महिला को बेच दिया। गुड्डी ने फुल पेमेंट एग्रीमेंट पर ही प्लाट कॉलोनी के प्रॉपर्टी डीलर दीपक गांधी को बेच दिया। दीपक गांधी ने प्लॉट को फुल पेमेंट एग्रीमेंट पर दिल्ली के रहने वाले रवि को सेल कर दिया।

इसके बाद रवि ने रजिस्ट्री कराने की बात की तो मोना ने रजिस्ट्री करवाने से मना कर दिया। रजिस्ट्री करवाने के लिए दिल्ली निवासी रवि के जानकार संजय वर्मा ने कॉलोनी के रहने वाले अजय नामक टाइपिस्ट से मिलकर कॉलोनी की ही रहने वाली पिंकी को पैसे का लालच देकर मोना की जगह तहसील लेकर आया और मोना की जगह खड़ा कर फोटो करवा कर रजिस्ट्री करवा ली गई। इस पूरे प्रकरण में नंबरदार राजू द्वारा महिला की शिनाख्त भी नहीं की गई। वहीं दूसरी ओर तहसील कंप्यूटर ऑपरेटर ने भी हरी झंडी दिखाते हुए इस फोटो खींचा और रजिस्ट्री कर डाली। ऑपरेटर विक्रम रोड ने भी महिला के डॉक्यूमेंट तक चेक नहीं किए। थाना शहर एसएचओ सुरेश कुमार ने बताया कि तहसीलदार वीरेंद्र गिल द्वारा इसकी लिखित शिकायत दी गई है जिसकी जांच एएसआई नरेश को सौंपी गई है। इस मामले में बयान दर्ज किए जा रहे हैं और जांच जारी है। बहुत जल्द आरोपियों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।

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(Udaipur Kiran) / अनिल वर्मा

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पानीपत में फर्जी रजिस्ट्री का भंडाफोड़, जांच शुरू

तहसीलदार वीरेंद्र गिल
तहसील कार्यालय स्थित पंजीकरण कार्यालय

पानीपत, 17 अप्रैल (Udaipur Kiran) । पानीपत लघु सचिवालय में फर्जी रजिस्ट्री का मामला सामने आया है। जहां एक प्रॉपर्टी डीलर ने टाइपिस्ट और तहसील कर्मचारियों से मिलीभगत करके महिला के मकान की रजिस्ट्री दूसरी महिला के नाम करवा दी। मामले का खुलासा तब हुआ जब यह बात तहसील के एक कर्मचारी ने फर्जी रजिस्ट्री की बात पूरे कार्यालय में फैली दी। चर्चा है कि यह मामला उजागर करने वाले कर्मचारी को अपना हिस्सा नहीं मिला तो उसने शोर मचा दिया। विवाद बढ़ने पर नंबरदार ने खुद मौखिक रूप से महिला की पहचान करते हुए तहसीलदार को मामले की जानकारी दी।

तहसीलदार ने तथ्यों के आधार पर मामले की शिकायत पुलिस से की। मामले में जब पानीपत के तहसीलदार वीरेंद्र गिल ने बताया कि जैसे ही मामला उनके संज्ञान में आया तो उन्होंने तुरंत पुलिस को लिखित शिकायत दे दी। जानकारी के अनुसार मामला पानीपत के न्यू रमेश नगर का है। जहां मोना नाम की महिला की जगह कॉलोनी की रहने वाली महिला पिंकी को तहसील में खड़ा कर फर्जी रजिस्ट्री करवा दी गई। महिला को थोड़े पैसों का लालच देकर मोना की जगह खड़ा कर रजिस्ट्री पर पिंकी को मोना बनाकर फोटो करवा दी गई।

मामले का खुलासा होने पर शिनाख्त करने वाले नंबरदार राजू ने ही फर्जी महिला पिंकी के खिलाफ तहसीलदार को शिकायत दी। तहसीलदार वीरेंद्र गिल ने मामले की शिकायत संबंधित थाना सिटी थाना को दी है, जिसकी जांच जारी है। पानीपत के न्यू रमेश नगर में 18 सेक्टर की रहने वाली महिला मोना का 60 वर्ग गज का एक प्लाट था, जोकि मोना ने फुल पेमेंट एग्रीमेंट पर गुड्डी नाम की महिला को बेच दिया। गुड्डी ने फुल पेमेंट एग्रीमेंट पर ही प्लाट कॉलोनी के प्रॉपर्टी डीलर दीपक गांधी को बेच दिया। दीपक गांधी ने प्लॉट को फुल पेमेंट एग्रीमेंट पर दिल्ली के रहने वाले रवि को सेल कर दिया।

इसके बाद रवि ने रजिस्ट्री कराने की बात की तो मोना ने रजिस्ट्री करवाने से मना कर दिया। रजिस्ट्री करवाने के लिए दिल्ली निवासी रवि के जानकार संजय वर्मा ने कॉलोनी के रहने वाले अजय नामक टाइपिस्ट से मिलकर कॉलोनी की ही रहने वाली पिंकी को पैसे का लालच देकर मोना की जगह तहसील लेकर आया और मोना की जगह खड़ा कर फोटो करवा कर रजिस्ट्री करवा ली गई। इस पूरे प्रकरण में नंबरदार राजू द्वारा महिला की शिनाख्त भी नहीं की गई। वहीं दूसरी ओर तहसील कंप्यूटर ऑपरेटर ने भी हरी झंडी दिखाते हुए इस फोटो खींचा और रजिस्ट्री कर डाली। ऑपरेटर विक्रम रोड ने भी महिला के डॉक्यूमेंट तक चेक नहीं किए। थाना शहर एसएचओ सुरेश कुमार ने बताया कि तहसीलदार वीरेंद्र गिल द्वारा इसकी लिखित शिकायत दी गई है जिसकी जांच एएसआई नरेश को सौंपी गई है। इस मामले में बयान दर्ज किए जा रहे हैं और जांच जारी है। बहुत जल्द आरोपियों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।

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(Udaipur Kiran) / अनिल वर्मा

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