पूर्व मेदिनीपुर, 4 जून (Udaipur Kiran) ।
पूर्व मेदिनीपुर जिले के तमलुक में नौ लोगों के फर्जी जाति प्रमाण पत्र रद्द कर दिये गये हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार तमलुक महकमे से कई लोगों की जाति प्रमाण पत्र की शिकायतें सीधे राज्य सचिवालय नवान्न तक पहुंचीं थी, जिस पर जांच कर कार्रवाई करने का आदेश दिया गया। जांच के उपरांत तमलुक महकमा शासक दिव्येंदु मजूमदार ने नौ लोगों के जाति प्रमाण पत्र रद्द कर दिए हैं। प्रशासन का दावा है कि उनमें से प्रत्येक ने फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके एसडीओ कार्यालय से जाति प्रमाण पत्र प्राप्त किया था। आरोप है कि प्रशांत मैती, बिप्लबकुमार प्रमाणिक, पुतुल संतरा और स्वप्ना पाल ने फर्जी दस्तावेज जमा करके अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र बनाया था। इसी तरह शेख आर्यन, सोनिया खातून, अशदुल अली खान और उनके भाई अशफाक अली खान और अनवरा बेगम ने फर्जी दस्तावेज जमा कर ओबीसी प्रमाण पत्र बनवाए थे। वे प्रमाण पत्र जनवरी से दिसंबर 2021 तक तमलुक अनुमंडल प्रशासक के कार्यालय से जारी किए गए थे। दस्तावेजों का सही तरीके से सत्यापन नहीं होने के कारण यह घटना हुई। कुछ लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज होने के बाद ही जांच की गई। तब असली रहस्य सामने आया।
उल्लेखनीय है कि तमलुक महकमा में पहले भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। 20 जुलाई 2023 को तमलुक महकमा प्रशासन ने एक साथ 108 प्रमाण पत्र रद्द कर दिए थे। इनमें से दो एसटी प्रमाण पत्र, 22 एससी प्रमाण पत्र और 84 ओबीसी प्रमाण पत्र थे। ज्यादातर मामलों में मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में अर्हता प्राप्त करने के लिए यह हथकंडा अपनाया गया था। तमलुक ब्लाक के खमरचक हाई स्कूल के सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक अशोक कुमार हटुआ, उनके बेटे और बेटी के खिलाफ अनुमंडल प्रशासक ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी। सामान्य जाति का होने के बावजूद पहले एससी और बाद में एसटी प्रमाण पत्र बनवाने के मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है। जिला प्रशासन के सूत्रों के अनुसार फर्जी दस्तावेज के आधार पर प्रमाण पत्र बनाने का गिरोह सक्रिय है। वे पैसे के बदले यह काम करते हैं। इसके लिए दुआरे सरकार शिविर को चुना जाता है। ऐसे शिविरों में बड़ी संख्या में आवेदन जमा होते हैं। उन आवेदनों का जल्द निपटारा करने का लक्ष्य होता है। जाति प्रमाण पत्र में परिवार के दूसरे सदस्य का नाम बदलकर कंप्यूटर पर प्रिंट की गई कॉपी को प्रामाणिक दस्तावेज के रूप में जमा किया जाता है। उचित सत्यापन के अभाव में ऐसी गलतियां हो रही हैं।
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(Udaipur Kiran) / धनंजय पाण्डेय
