कानपुर, 14 जनवरी (Udaipur Kiran) । गंगा स्नान और दान के सबसे बड़े पर्व मकर संक्रांति पर मंगलवार भोर से ही भीषण ठंड और घने कोहरे बीच शहर के प्रमुख सरसैया घाट, बिठूर घाट, सिद्धनाथ घाट, अटल घाट, परमट घाट आदि घाटों पर श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। इसके साथ ही दान-पुण्य भी किया गया। जय गंगा मइया के उद्घोष के साथ महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे आस्था में लीन दिखाई दिए। वहीं सुरक्षा काे लेकर गंगा स्नान के दौरान पुलिस की चौकसी भी देखने को मिली।
सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही मकर संक्रांति का पर्व मनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान और दान करने पर व्यक्ति को दस अश्वमेघ यज्ञ और एक हजार गाय दान के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है। इसी मंगल कामना के साथ मंगलवार ब्रह्म मुहर्त से ही कपकपाती ठंड और घने कोहरे के बीच शहर के प्रमुख परमट घाट, बिठूर घाट, सरसैया घाट, सिद्धनाथ घाट, शुक्लागंज गंगा घाट, नानाराव घाट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ दिखाई दी। घाटों पर श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाने के बाद सूर्य भगवान को जल अर्पित करते हुए अपने परिवार के लिए सुख समृद्धि की कामना करते हुए नजर आए।
गंगा स्नान करने आए श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए घाटों पर बांस बल्लियां लगाकर बेरिकेडिंग के साथ पुलिस पीएसी बल तैनात रहा जो हर तरह की गतिविधियों पर अपनी नजर बनाए हुए हैं। घाटों पर ड्रोन के जरिये निगरानी करने के साथ-साथ गोताखोरों की भी तैनात किया गया है। पुलिस प्रशासन की ओर से लाउडस्पीकर के माध्यम से गंगा स्नान करने आए श्रद्धालुओं को सचेत भी किया जा रहा है। वहीं पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार के निर्देश पर डीसीपी मध्य दिनेश त्रिपाठी और डीसीपी पश्चिम राजेश कुमार सिंह पुलिस बल के साथ घाटाें पर निगरानी करते रहे।
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(Udaipur Kiran) / Rohit Kashyap