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जयपुर, 5 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । वसंत पंचमी से छोटीकाशी के पुष्टिमार्गीय वैष्णव मंदिरों में फागोत्सव की शुरुआत हो गई है। अब 40 दिन तक प्रतिदिन ठाकुरजी को अबीर और गुलाल अर्पित होगी। पूर्णिमा से राजभोग झांकी में गुलाल और अबीर खिलाने का क्रम शुरू हो जाएगा। मंदिरों में 10 दिन स्वामिनी के भाव से दर्शन होंगे। अगले 10 दिन ललिता सखी के भाव से और 10 दिन तक विशाखा सखी के भाव से और आखिरी 10 दिन तक चंद्रावली सखी के भाव के दर्शन होंगे। 41वें दिन डोल का आयोजन होगा। इसके अंतर्गत ठाकुरजी को झूले में झुलाया जाएगा। इस बीच मंदिरों के पाटोत्सव मनाए जाएंगे। पाटोत्सव में अबीर, गुलाल, चब्बा, चंदन रंग का उपयोग किया जाएगा। 9 मार्च को रसभरी एकादशी से फूल बंगला के दर्शन होंगे। इस दिन से पलाश के फूलों को सुखाकर उसे गर्म पानी में उबालकर हर्बल रंग से होली खेलने का क्रम शुरू हो जाएगा। 13 मार्च यानी तेरस से मोहिनी श्रृंगार होगा। एकादशी से पूर्णिमा तक शयन के दर्शन में भी रंग-गुलाल उड़ाया जाएगा।
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(Udaipur Kiran)
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