छतरपुर, 12 जुलाई (Udaipur Kiran) । विश्वविद्यालय के फार्मेसी विभाग के द्वारा फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के अंतर्गत हर्बल दवाईयों के अनुसन्धान एवं उत्पादन में क्रोमॅटोग्रफिक फिंगरप्रिंटिंग की उपयोगिता पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन शुक्रवार को किया गया। इस कार्यशाला के मुख्य अतिथि हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय, उत्तराखण्ड के फार्मेसी विभाग के विभागाध्यक्ष अजय नामदेव ने हर्बल दवाइयों के अनुसन्धान एवं उत्पादन में क्रोमॅटोग्रफिक फिंगरप्रिंटिंग की उपयोगिता पर प्रकाश डाला एवं प्रतिभागियों के शंकाओं का समाधान किया।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अनिल कुमार धगट ने उपस्थित प्रतिभागियों को हर्बल दवाइयां के अनुसंधान के क्षेत्र में काम करने के लिए प्रेरित किया। फार्मेसी विभाग के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. अमित कुमार जैन ने वर्तमान समय में हर्बल दवाइयां की बढ़ती उपयोगिता पर अपने विचार रखते हुए कहा कि हर्बल दवा का उद्देश्य शरीर को प्राकृतिक संतुलन की स्थिति में वापस लाना है, ताकि वह खुद को ठीक कर सके। अलग-अलग जड़ी-बूटियाँ शरीर की अलग-अलग प्रणालियों पर काम करती हैं। उन्होंने बताया, इचिनेसिया प्रतिरक्षा प्रणाली को उत्तेजित करने और संक्रमण से लड़ने में शरीर की सहायता करते है।
विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉक्टर बृजेंद्र सिंह गौतम चेयरमैन डॉक्टर पुष्पेंद्र सिंह गौतम जी, कुलपति डॉ. अनिल कुमार धगट, उपकुलपति गिरीश त्रिपाठी, कुलसचिव विजय सिंह, परीक्षा नियंत्रक डॉ. आशीष पचौरी, विश्वविद्यालय के विशिष्ट सलाहकार डॉ. बी.एस. राजपूत एवं अन्य पदाधिकारियों ने कार्यशाला के सफल आयोजन पर शुभकामनाएं प्रेषित की हैं। कार्यशाला के दौरान फार्मेसी विभाग के समस्त प्राध्यापक गण एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran)
(Udaipur Kiran) / सौरव भटनागर / मयंक