Uttar Pradesh

अति पिछ़डों को मिले पृथक आरक्षण : डॉ प्रमोद शर्मा

कर्पूरी ठाकुर जयंती

प्रयागराज, 24 जनवरी (Udaipur Kiran) । भारत रत्न पूर्व मुख्यमंत्री विहार जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती के अवसर पर कर्पूरी ठाकुर एकता सेवा न्यास द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सी.एम.पी.डिग्री कालेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ प्रमोद शर्मा ने कहा कि आज आवश्यकता है उप्र में ओबीसी जातियों में पृथक आरक्षण लागू हो।

उन्होंने बताया कि उनके शताब्दी वर्ष पर भारत सरकार नें उन्हें भारत रत्न देकर उनके द्वारा किए गए कार्यों को सम्मान देने का काम किया। जिसके लिए देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हैं। उन्होंने कहा कि कर्पूरी ठाकुर आजीवन सामाजिक न्याय की लडा़ई लड़ते रहे। विद्यार्थी जीवन में स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय रहते हुए उन्होंने राजनीति में सादगी ईमानदारी की मिशाल पेश की। दो बार मुख्यमंत्री रहने के बाद भी उनका अपना घर तक नहीं था।

मैट्रिक पास करने में अग्रेंजी की अनिवार्यता खत्म कर गाँव और गरीब परिवेश के बच्चों के लिए शिक्षा के द्वार खोले। 1952 में ताजपुर से देश का प्रथम आम चुनाव होने पर जीत के बाद आजीवन चुनाव नहीं हारे, दो बार मुख्यमंत्री रहे। इस दौरान बहुत से ऐतिहासिक निर्णय लिए। जब तक जीवित थे, बिहार की राजनीति के केन्द्र बिंदु बने रहे।

डॉ शर्मा ने बताया कि कर्पूरी ठाकुर ने 24 जून 1977 को दुबारा मुख्यमंत्री बनने पर पिछ़ड़ों के लिए पृथक आरक्षण लागू कर इतिहास रच दिया। उसके बहुत बाद में मंडल कमीशन की सिफारिश से जो आरक्षण लागू हुआ, उससे कुछ जातियों को ही लाभ मिल रहा है। बाकी वंचित ही रह रही हैं। इसलिए आज आवश्यकता है उप्र में ओबीसी जातियों में पृथक आरक्षण लागू हो।

अध्यक्षता करते हुए अधिवक्ता विकास शर्मा नें कहा कि उनका जीवन सादगी ईमानदारी एवं सेवा के लिए समर्पित था। वह सही मायने में गुदड़ी के लाल थे। इस अवसर पर अश्विनी शर्मा,ज्योति शर्मा अमरनाथ, विवेक जैसवाल सहित बडी़ संख्या में लोग उपस्थित रहे।

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(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र

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