Assam

असम में रास महोत्सव की व्यापक तैयारियां 

असम में रास महोत्सव के आयोजन के तैयारी के क्रम में असम के मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा द्वारा सोशल मीडिया पर साझा की गई तस्वीर।

गुवाहाटी (असम), 07 नवंबर (Udaipur Kiran) । इन दिनों पूरा असम श्री कृष्ण रास महोत्सव के रंग में रंगा हुआ है। शहरों से लेकर गांवों तक, विभिन्न स्तर पर रासलीलाओं का आयोजन किया जा रहा है। इन रासलीलाओं को लेकर व्यापक तैयारियां चल रही हैं। 15 नवंबर से शुरू होकर इस पूरे महीने रास महोत्सव का आयोजन किया जाएगा।

ऐसी मान्यता है कि असम में रास महोत्सवों का आयोजन द्वापर युग में कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुए कृष्ण रासलीला के समय से ही किया जा रहा है। भगवान श्री कृष्ण का असम की धरती के साथ विशेष संबंध रहा है। भगवान श्री कृष्ण की पटरानी रुक्मिणीजी गुवाहाटी शहर की ही रहने वाली थी। यही वजह है कि असम में कृष्ण भक्ति व्यापक पैमाने पर होती है। इस युग में भी महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव द्वारा असम के हर घर में श्री कृष्ण नाम कीर्तन के लिए नामघरों की स्थापना किए जाने के बाद से पूरा असम भगवान कृष्ण के रंग में रंग गया है। हालांकि, असम में शैव तथा शाक्त मतावलंबियों की भी कोई कमी नहीं है, फिर भी इन दिनों वैष्णव संस्कृति के पुरोधा भगवान श्री कृष्ण भक्ति की धारा असम की हर गली में बह रही है। क्योंकि, शैव तथा शाक्त मतावलंबियों द्वारा भी समान रूप से भगवान श्री कृष्ण की भक्ति की जाती है।

इन दिनों राज्य के नलबाड़ी तथा सुवालकुची में भी व्यापक पैमाने पर रास महोत्सव के आयोजन की तैयारी हो रही है। इन महोत्सवों में अभिनय करने के लिए बॉलीवुड के कई जाने-माने कलाकार भी पहुंच रहे हैं। वहीं, भगवान श्री कृष्ण की विभिन्न प्रकार की झांकियां तैयार की जा रही हैं।

हमारे नगांव संवाददाता के अनुसार श्री श्रीकृष्ण का रास महोत्सव शुरू हो चुका है। राज्य के विभिन्न हिस्सों की तरह रोहा में भी श्री श्रीकृष्ण रास महोत्सव की तैयारी की जा रही है।

रोहा केंद्रीय रास उत्सव उत्सव समिति की पहल पर 22 और 23 नवंबर को दूसरी बार दो दिवसीय रास महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। स्थानीय खेल मैदान में खोल, ताल आदि की आवाजें गूंज रही है। रोहा के विभिन्न क्षेत्रों के कोने-कोने में बच्चों से लेकर गांव की बहु-बेटियों तक हर कोई रास अखारा (अभ्यास) में व्यस्त है।

जोरहाट से हमारे संवाददाता के अनुसार काकजान बम कुकुरसावा गांव में 81वें रास महोत्सव की तैयारी को लेकर चारों तरफ उत्सव का माहौल है। चारों ओर कृष्ण का दृश्य दिखाई दे रहा है। भगवान श्री कृष्ण के रास महोत्सव का दिन करीब आने के साथ ही चहल-पहल बढ़ती जा रही है। इसलिए रास आयोजक कंस वध के मंचन की तैयारी कर चुके हैं।

जोरहाट के काकजान बम कुकुरासावा गांव में व्यापक पैमाने पर रास का आयोजन किया जा रहा है। इस बार भी 81वें रास उत्सव महोत्सव का आयोजन काकजान बमकुशवा गांव के लोगों द्वारा पहले की तरह रंगारंग कार्यक्रम के साथ किया गया है। यहां रास के दौरान पहुंचने वाले मेहमानों के स्वागत के लिए गांव के हर घर में तैयारी की गई है।

माजुली से (Udaipur Kiran) के संवाददाता के अनुसार माजुली में श्रीश्री कृष्ण रसोत्सव की व्यापक तैयारी चल रही है। सत्र नगरी माजुली में 65 से अधिक मंचों पर रास के मंचन की व्यापक तैयारी की जा रही है। आयोजकों के साथ ही कलाकार रंगमंचों की तैयारी में जुटे हुए हैं। हर आयु वर्ग के लोग रास की तैयारी में लगे हैं।

माजुली के अजरगुड़ी, नयाबाजार, कुहियाबाड़ी आदि में रास को मिसिंग भाषा में करेंगे। वहीं, मुदैबील,भक्ति द्वार आदि में शिशु रास एवं महिला रास का आयोजन किया जा रहा है। उधर, पूर्वी माजुली में प्रमुख समारोह का आयोजन गायन गांव नवज्योति कृष्टि संघ द्वारा बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। पूरा माजुली रासोत्सव मनाने में जुटा है। साउंड और लाइट की व्यापक व्यवस्था की गई है। पूरे माजुली को सजाया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि माजुली के साथ ही नलबाड़ी, पलासबाड़ी समेत राज्य के अनेक स्थानों पर रास महोत्सव की तैयारी जोरों से चल रही है।

(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश

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