गुवाहाटी, 03 नवंबर (Udaipur Kiran) । प्रदेश भर में इस समय उत्सव का माहौल है। दुर्गा पूजा, लखी पूजा, दीपावली और काली पूजा का त्योहार संपन्न होने के बाद अब प्रदेश के लोगों को रास महोत्सव का बेसब्री से इंतजार है। भक्त भगवान कृष्ण के रास महोत्सव काे लेकर उत्साहित हैं, जो राज्य में पूर्णिमा के दिन शुरू होगा।
ऊपरी असम में सत्र (मठ) नगरी माजुली में वैष्णव भक्त रास की तैयारियों में व्यस्त हैं। रास पूर्णिमा के दिन से शुरू होने वाला रास महोत्सव माजुली सहित विभिन्न सत्रों में भाउना (अभिनय) के माध्यम से रासलीला की जाती है। रास अलग-अलग सत्रों में एक दिन और कुछ सत्रों में तीन दिनों के लिए आयोजित किया जाता है। जिस सत्र में एक दिन रास का आयोजन होता है, उस दिन रास के अवसर पर हियानाम, दिहानाम, गायन-बयान, नटुवा साली, ओजापाली आदि अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं।
दक्षिणपाट सत्र में रास उत्सव तीन दिनों तक मनाया जाता है। रासोत्सव के तीन दिनों को एक विशेष नाम से जाना जाता है। पहला दिन आदिवास, दूसरा दिन रास और तीसरा दिन इंद्राभिषेक होता है। रास पूर्णिमा के दिन सुबह से ही रास पूजा शुरू हो जाती है। दिनभर नाम-कीर्तन के अलावा गायन-बयान, नाम-कीर्तन, नटुआ नृत्य आदि चलता रहता है। रात्रि में रासलीला का प्रदर्शन किया जाता है।
भगवान कृष्ण का रास महोत्सव अनादिकाल से असम के विभिन्न जिलों में मनाया जाता रहा है। निचले असम के नलबाड़ी, शुवालकुची, रामदिया, हाउली, टिहू, पलाशबाड़ी आदि में भी रास महोत्सव मनाया जाता है। इस रास को देखने के लिए देश-विदेश से भी काफी लोगों की भीड़ उमड़ती देखी गई है। निचले असम के रास में भगवान कृष्ण की विभिन्न लीलाओं को आकर्षक मूर्तियों के माध्यम से खूबसूरती से सजाया जाता है। आकर्षक मूर्तियों के माध्यम से कालिया दमन, पुतना वध, दधिमथन, कंसवध, वृंदावन की रासलीला आदि प्रस्तुत की जाती है।
जगह-जगह रास महोत्सव के मद्देनजर ढोल वादन, ओजापाली, नाम प्रसंग के साथ ही मोबाइल थियेटर आदि के साथ नाटकों का मंचन होता है। नलबाड़ी सहित विभिन्न स्थानों पर कई थिएटर समूह रास में अपने-अपने नाटकों का प्रदर्शन करते हैं और हजारों लोग रास के लिए इन क्षेत्रों में आते हैं।
गाैरतलब है कि नलबाड़ी प्रसिद्ध श्रीश्री हरिमंदिर परिसर में इस बार 91वां श्री कृष्ण रास महोत्सव 15 से 27 नवंबर तक आयोजित किया जाएगा। रास के उद्घाटन समारोह में रामानंद सागर के प्रसिद्ध रामायण धारावाहिक के चरित्र राम और सीता यानी प्रसिद्ध अभिनेता अरुण गोविल और दीपिका चिखलाया हिस्सा लेंगी। नलबाड़ी के रास महोत्सव में इस बार तीन रसों का संयोजन भी होगा। नलबाड़ी के रास में मूर्ति रास, जीवंत रास और पुतला रास का संयोजन होगा।
(Udaipur Kiran) / अरविन्द राय