
जयपुर, 6 जनवरी (Udaipur Kiran) । जनवरी के दूसरे पखवाड़े में माइनिंग सेक्टर में वोल्यूमेट्रिक आकलन और खनिज प्रबंधन में ड्रोन तकनीकों के उपयोग पर विशेषज्ञ प्रदेश के खनिज लीज धारकों से सीधा संवाद कायम करेंगे।
प्रमुख शासन सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम टी. रविकान्त ने बताया कि राज्य में आधुनिकतम तकनीक के उपयोग और पारदर्शी व्यवस्था के तहत एक अप्रैल 2025 से सभी अप्रधान खनिज लीज धारकों को लीज क्षेत्र और उसके पास के 100 मीटर क्षेत्र का ड्रोन-एरियल सर्वें कराकर रिपोर्ट प्रस्तुत करना होगा। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने पिछले दिनों नई व्यवस्था के तहत ड्रोन-एरियल सर्वें में प्राप्त खनन रिपोर्ट और संबंधित लीजधारक द्वारा पूर्व में प्रस्तुत की गई रिपोर्ट में अंतर आने की स्थिति में राहत देने के लिए राज्य सरकार ने एकबारीय समाधान योजना भी लागू कर दी है। मुख्यमंत्री एवं खान मंत्री भजन लाल शर्मा ने प्रदेश के खनिज लीज धारकों को नई व्यवस्था के संबंध में विशेषज्ञों व ड्रोन निर्माता कंपनियों से प्रजेटेंशन के माध्यम से जागरूक करने की आवश्यकता जताई।
प्रमुख सचिव माइंस टी. रविकान्त ने बताया कि मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की परिवर्तित बजट घोषणा की क्रियान्विति में वोल्यूमेट्रिक एसेसमेंट व्यवस्था लागू करने और इससे होने वाले प्रभाव से खनिज लीज लाइसेंस धारकों को एकबारीय राहत प्रदान करते हुए एकमुश्त समाधान योजना लागू कर दी है। वोल्यूमेट्रिक एसेसमेंट से खनन लीज क्षेत्र में धारक द्वारा किये गए वैध खनन, अवैध खनन या अन्य क्षेत्र के रवन्ना जारी होने की स्थिति साफ हो जाएगी। इस व्यवस्था की सबसे खास बात यह है कि खनिज लीज धारक द्वारा वोल्यूमेट्रिक एसेसमेंट कराकर प्रस्तुत करने से भविष्य के लिए विवाद नहीं रहेंगे।
वोल्यूमेट्रिक आकलन और खनिज प्रबंधन में ड्रोन तकनीकों के उपयोग पर आयोजित कार्यक्रम के लिए अतिरिक्त निदेशक माइंस जयपुर बीएस सोढ़ा को नोडल अधिकारी बनाया गया है।
लीज धारकों से सीधे संवाद में राजस्थान अप्रधान खनिज रियायती नियमों में ड्रोन सर्वे प्रावधानों की जानकारी देने के साथ ही आइडिया फोर्ज द्वारा खनन में ड्रोन सर्वे का अनुप्रयोग, इंस्टाडिजाइन द्वारा ड्रोन से प्राप्त डेटा का खदान प्रबंधन में विशेषज्ञों द्वारा विश्लेषण, गरुड सर्वें द्वारा ड्रोन सर्वें के माध्यम से खनन में उत्खनन का वोल्यूमेट्रिक आकलन और एपीएसएल साल्यूशन द्वारा उत्खनन में ड्रोन सर्वें तकनीक और स्फेयर द्वारा डीजीसीए द्वारा ड्रोन सर्वें लाइसेंस के दिशा-निर्देश और प्रक्रिया की जानकारी दी जाएगी।
निदेशक माइंस भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि राज्य सरकार ने प्रदेश में हजारों की संख्या में लीजधारकों की सुविधा के लिए वोल्यूमेट्रिक आकलन के निर्देश और एकबारीय समझौता योजना जारी कर दी है। अब नई व्यवस्था लागू होने से पहले लीज धारकों को आवश्यक नियमों और प्रक्रिया की जानकारी देने के लिए लीजधारकों व संबधित विशेषज्ञों को साझा मंच उपलब्ध कराया जा रहा है।
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(Udaipur Kiran) / रोहित
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