
जयपुर, 10 मार्च (Udaipur Kiran) । माइंस विभाग ने राइजिंग राजस्थान के दौरान माइंस व पेट्रोलियम के हस्ताक्षरित करारों को धरातल पर लाने की कवायद तेज कर दी है। प्रमुख सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम टी. रविकान्त ने माइंस से संबंधित 100 करोड़ से अधिक के एमओयू के स्टेक होल्डर्स से वर्चुअली संवाद कायम किया। उन्होंने करीब 42 स्टेक होल्डर्स से वन टू वन चर्चा करते हुए एमओयू करारों को धरातल पर लाने की विस्तार से चर्चा की। उन्होंने स्टेक होल्डर्स से चर्चा के दौरान एमओयू करारों को तय समय सीमा में पूरा कराने की कार्ययोजना की जानकारी ली और स्टेक होल्डर्स की स्थानीय स्तर से लेकर राज्य स्तर तक आ रही कठिनाइयों के निवारण में संबंधित विभागों से समन्वय व सहयोग का विश्वास दिलाया।
टी. रविकान्त ने बताया कि राइजिंग राजस्थान के दौरान माइनिंग सेक्टर के किए गए एमओयू में 100 करोड़ रुपये से अधिक के 42 एमओयू है। इनमें एक हजार करोड़ रुपये से अधिक के 20 एमओयू है वही 100 करोड़ रुपये से एक हजार करोड़ रुपये तक के 22 एमओयू है। स्टेक होल्डर्स से समन्वय बनाए रखने के लिए वाट्सएप ग्रुप बनाकर अधिकारियों द्वारा निरंतर संपर्क व मार्गदर्शन दिया जा रहा हैं। स्थानीय स्तर पर आ रही समस्याओं का यथासंभव निराकरण कराते हुए आवश्यक सहयोग प्रदान करने के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।
ब्यूरो ऑफ इंडस्ट्रीयल प्रमोशन के रेणुराज ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा निवेशकों से समन्वय व सहयोग के लिए इंडस्ट्रीयल इंटरफेस बनाया है। इसके माध्यम से निवेशक आवश्यक जानकारी व प्रगति से रुबरु हो सकते हैं। इस माह के अंत तक एमओयू धारकों के लिए एक एप भी उपलब्ध हो सकेगा।
नोडल अधिकारी अतिरिक्त निदेशक माइंस महावीर प्रसाद मीणा और सह प्रभारी अधीक्षण भूवैज्ञानिक जयपुर संजय सक्सेना ने राइजिंग राजस्थान के दौरान हुए निवेश करारों की जानकारी देते हुए बताया कि विभाग द्वारा नियमित मॉनिटरिंग और फील्ड अधिकारियाें से समन्वय बनाया जा रहा है। बैठक में ओएसडी श्रीकृष्ण शर्मा, अधीक्षण भूवैज्ञानिक सचिवालय सुनील वर्मा, उपनिदेशक पेट्रोलियम रोहित मल्लाह, स्टेक होल्डर्स व फील्ड अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
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(Udaipur Kiran) / रोहित
