Uttar Pradesh

भेदभाव जैसी कुरीतियों ने हमारे देश व परिवार को छिन्न-भिन्न  किया : मिथिलेश

भेदभाव जैसी कुरीतियों ने हमारे देश व परिवार को छिन्न-भिन्न  किया : मिथिलेश
भेदभाव जैसी कुरीतियों ने हमारे देश व परिवार को छिन्न-भिन्न  किया : मिथिलेश
भेदभाव जैसी कुरीतियों ने हमारे देश व परिवार को छिन्न-भिन्न  किया : मिथिलेश
भेदभाव जैसी कुरीतियों ने हमारे देश व परिवार को छिन्न-भिन्न  किया : मिथिलेश
भेदभाव जैसी कुरीतियों ने हमारे देश व परिवार को छिन्न-भिन्न  किया : मिथिलेश

सुलतानपुर, 12 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । नगर के महात्मा गांधी इंटर कॉलेज परिसर में शनिवार काे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आर एस एस) ने श्री विजयादशमी उत्सव मनाया। उत्सव के मुख्य वक्ता आर एस एस के क्षेत्र बौद्धिक शिक्षण प्रमुख मिथिलेश ने कहा कि संघ का कार्य 99 वर्ष पूरा हो गया। संघ कार्य 100वें वर्ष मे प्रवेश किया है। मानव समाज में व्याप्त भेदभाव जैसी कुरीतियों ने हमारे देश व परिवार को छिन्न-भिन्न कर दिया।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने नगर में शस्त्र पूजन कर बौद्धिक सम्मेलन का आयोजन किया। बौद्धिक सम्मेलन में स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए क्षेत्र बौद्धिक शिक्षण प्रमुख मिथिलेश ने कहा कि उन्होंने कहा कि हमें पंच परिवर्तन के सिद्धांत को अपनाना होगा। उन्होंने कहा कि प्रभु श्री राम का स्मरण करें, उन्हीं के जैसा मर्यादाओं काे जीवन में धारण कर समाज का संरक्षण करें। उन्होंने कहा कि विजयदशमी का इतिहास माता दुर्गा,भगवान श्री राम का प्रादुर्भाव इसीलिए हुआ था कि प्रतिकूलताओं में यदि हम ठीक से प्रयास करेंगे तो अनुकूलता आएगी।

उन्होंने बताया कि हमारे यहां शस्त्र को देव के रूप में माना गया है। शस्त्र प्रदर्शन व युद्ध के लिए नहीं है लेकिन यदि युद्ध के समय शस्त्र हाथ में है तो भक्ति पहले है, माता सरस्वती के हाथो में भी शस्त्र है लेकिन वह विद्या की देवी हैं। लक्ष्मी के हाथ में भी शस्त्र है लेकिन वह धन की देवी हैं। हमारे यहां भक्ति व शक्ति दोनों की पूजा होती है। उन्होंने कहा कि शस्त्र अधर्म को पीड़ित करने के लिए और धर्म को प्रोत्साहित करने के लिए है।

उन्होंने कहा कि डाॅ. हेडगवार ने कहा था कि निर्माण कार्य धीमी गति से चलता है। बीच-बीच के काल खंडों मे संघ को समाप्त करने के लिए तमाम विरोध हुए, लोगों ने शपथ भी लिए। स्वयंसेवकों को धैर्य से कार्य को करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपरिचित को परिचित बनाना, परिचित को मित्र बनाना, मित्र को संघ का कार्यकर्ता बनाना है। सारी परिस्थितियों को झेलते-झेलते संघ आज यहां पहुंचा है। अब हम शतब्दी वर्ष मना रहे है। श्रीराम राम की शक्ति, भक्ति, शील हम सब में होना चाहिए। जन-जन में इसी लिए राम होना। श्रीराम ने कभी भेदभाव नहीं किया। धर्म और अधर्म को लेकर संघर्ष है, परंतु छुआछूत का भेदभाव नहीं किया। आर पी सिंह ने कहा कि आज की युवा शकित कल भारत की शक्ति बनेगी। अगर नया भारत बनाना है तो लड़ना बन्द करना होगा। हमे एक होकर रहना है।

विद्यालय प्रांगण से स्वयंसेवकों का पथ संचलन राहुल चौराहा, बाध मंडी, शाहगंज चौराहा, डाकखाना चौराहा , दीवानी चौराहा से पर्यावरण पार्क के सामने हनुमानगढ़ चौराहे से होते हुए पुनः एमजीएस प्रांगण में समाप्त हुआ। मंचासीन नगर संघचालक अमरपाल सिंह, विभाग संघचालक अरुण कुमार सिंह, अध्यक्षता आर पी सिंह ने किया। इस मौके पर मुख्य रूप से विभाग प्रचारक श्रीप्रकाश, डॉ. जेपी सिंह, डॉ. सलिल श्रीवास्तव, प्रो. विनोद कुमार सिंह, अजय कुमार समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

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(Udaipur Kiran) / दयाशंकर गुप्ता

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