रायपुर, 06 नवंबर (Udaipur Kiran) । छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित तीन दिवसीय राज्योत्सव के समापन तथा राज्य अलंकरण समारोह के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ शामिल हुए।
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि विकसित भारत के निर्माण के लिए सबकी भागीदारी की जरूरत है। इसमें छत्तीसगढ़ का योगदान बढ़-चढ़कर होगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ देश के लिए एक मिसाल, यहां मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में विकास के नये कीर्तिमान बन रहे हैं। इस मौके पर उन्होंने राज्य अलंकरण से सम्मानित सभी विभूतियों को बधाई देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के 36 सम्मान, जिन्हें देखकर मुझे ऊर्जा मिली है।
उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी को इस अवसर पर याद न करें तो बड़ी चूक होगी। राजनीति में उन्होंने ऐसी सर्जरी की कि किसी को पीड़ा नहीं हुई और तीन राज्य बनाए, मैं उन्हें नमन करता हूं। अटल जी ने जो कारीगरी की, उसमें कोई दर्द नहीं था। भाई चारा था। अगले साल छत्तीसगढ़ अपने स्वर्ण युग में प्रवेश करेगा इसका सुखद समन्वय भारत के अमृत काल के साथ हो रहा है। हमें अपनी गौरवमयी विरासत को नहीं भूलना चाहिए। यह मौका है हमारे महापुरुषों को याद करने का। भगवान बिरसा मुंडा, शहीद वीरनारायण सिंह जैसे लोगों ने विषम हालात में स्वतंत्रता की ज्योति को जलाये रखा, हम उन्हें हमेशा स्मरण करते हैं और इसके लिए जनजातीय दिवस मना रहे हैं। इन महापुरुषों ने निःस्वार्थ भाव से समाज की सेवा की। इस मौके पर आपको मैं चिंतन और मंथन के लिए भी आग्रह करूंगा। सेवा निःस्वार्थ होना चाहिए, इसमें कोई स्वार्थ नहीं होना चाहिए। निःस्वार्थ सेवा के नाम पर या आड़ पर हमारी श्रद्धा को परिवर्तन करने का प्रयास किया जा रहा है।
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि हमारी संस्कृति हजारों साल पुरानी है उस पर प्रहार किया जा रहा है। इस पर हमें सजग होना चाहिए। यह धनबल के आधार पर हो रहा है। भोलेपन के आधार पर हो रहा है। भारत की आत्मा को जीवंत रखने के लिए ऐसी ताकतों को कुचलने की आवश्यकता है। आपसे आग्रह है कि इनसे सचेत रहिये। इन प्रयत्नों में खासतौर पर हमारे आदिवासियों भाइयों को निशाना बनाया जाता है। हमारे भारत की संस्कृति सबको समेटने वाली संस्कृति है। इस विशेषता को बरकरार रखना है। इस राज्य के युवाओं के लिए एक और चिंता का कारण है जिस पर यह सरकार काम कर रही है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने नक्सलवाद से लड़ने का काम किया है। सरकार की सकारात्मक नीतियों की वजह से युवाओं को अनेक अवसर मिल रहे हैं। राज्य की गति और देश की प्रगति में बड़ा जुड़ाव है। छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक संपदा बेहद समृद्ध है। यहां की खनिज संपदा जैसे बस्तर का लौह अयस्क, कोरबा का कोयला भारत के औद्योगिक विकास की प्राणवायु है। इस भूमि को धान का कटोरा कहा जाता है। यह राष्ट्र के विकास में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। एक बात मैं जरूर ध्यान दूंगा और आपसे भी आग्रह करूंगा कि राज्य का हित राष्ट्रीय दृष्टिकोण से देखना होगा, राज्य का हित राष्ट्र के हित से अलग नहीं है। प्रदेश के निरंतर विकास के लिए मैं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को बधाई देना चाहता हूं।
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि आज के नवयुवकों को याद दिलाना चाहूंगा। संविधान हमारी महत्वपूर्ण आधारशिला है इस पर हमारा भविष्य टिका है। संविधान दिवस हर वर्ष 26 नवंबर को मनाया जाता है। हर नागरिक को संविधान की अहमियत का एहसास होना चाहिए। इसके आदर्शों का पालन हमारी जिम्मेदारी है। संविधान से खिलवाड़ के हर प्रयास को कुंठित करना चाहिए। आपातकाल देश का काला क्षण था। 21 महीनों तक अधिकारों पर विराम लग गया। हालात इतने भयावह थे कि प्रजातांत्रिक मूल्य नजर तक नहीं आ रहे थे। लाखों लोगों को जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया गया था। इस भयावह कालखंड की जानकारी आज की पीढ़ी को होनी चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि इस राज्य में आईआईटी है। आईआईएम है। जिस पेशे से मैं जुड़ा हूँ उससे भी जुड़ा हुआ विश्वविद्यालय है जो बहुत प्रतिष्ठित है। राज्य का युवा, महिला एवं हर वर्ग अपना योगदान दे सके, अपना उज्ज्वल भविष्य बना सके, ऐसी नीतियां छत्तीसगढ़ में तैयार हो रही है। यहां प्रशासनिक पारदर्शिता आई है। समाज के हर वर्ग को सशक्त करने का प्रयास हुआ है। राज्य ने हाल ही में एक उद्योग नीति बनाई है, इससे नवयुवकों की आशाएं फलीभूत होंगी। केंद्र और राज्य ने युवाओं के लिए इतनी योजनाएं शुरू की हैं कि युवा अपने उद्यम से अन्य लोगों को भी लाभ दे सकते हैं।
इस मौके पर राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री अरुण साव, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद एवं अन्य अधिकारी तथा गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।
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(Udaipur Kiran) / गायत्री प्रसाद धीवर