
अनूपपुर, 8 अप्रैल (Udaipur Kiran) । डिजिटल मीडिया के लाभों को समाज के अंतिम आदमी तक पहुंचाने और इसके दुरुपयोग से बचने की आवश्यकता है। इसके प्रसार के साथ अच्छे कंटेंट की मांग बढ़ रही है, दुर्भाग्यवश टेक्नोलॉजी पर ज्यादा आश्रित होकर हम अपनी रचनात्मकता से समझौता कर रहे हैं, इससे मौलिकता का क्षरण हो रहा है जिसे रोकना जरूरी है। आज मीडिया एजुकेशन को डिजिटल मीडिया में उपलब्ध अवसरों का लाभ उठाने के लिए आवश्यक कौशल को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाना होगा। मीडिया के सकारात्मक उपयोग के लिए मीडिया शिक्षा को स्कूल स्तर से ही आरंभ करना समय की मांग है क्योंकि नए मीडिया ने व्यक्ति और समाज को गतिशीलता दी है।
यह बात मंगलवार को पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक द्वारा आयोजित विशेष व्याख्यान री-इमेजिंनिंग मीडिया एजुकेशन इन डिजिटल एरा विषय पर ग्लोबल मीडिया एजुकेशन कौन्सिल के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम पत्रकारिता एवं जनसंचार सभागार में बोलते हुए माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल के पूर्व कुलपति प्रो केजी सुरेश ने कहीं। उन्होंने एआई की चर्चा करते हुए कहा कि डिजिटल मीडिया ने नए अवसर बनाए हैं जिनके अनुरूप विद्यार्थियों को प्रशिक्षित करने की जरूरत है। उन्होंने डीपफेक, मिस इंफॉर्मेशन और इससे जुड़ी समस्याओं पर भी प्रकाश डाला।
संचालन कीर्ति किरण और धन्यवाद ज्ञापन डॉ वसु चौधरी ने किया। इसके पूर्व व्याख्यान में अतिथियों का स्वागत करते हुए संकाय प्रमुख प्रो राघवेंद्र मिश्रा ने डिजिटल मीडिया और बदलते मीडिया शिक्षा पर प्रकाश डाला। इस दौरान राजेंद्र चुघ, शशांक द्विवेदी, हरिश्चंद्र विश्वकर्मा, विवेक नेमा सहित विद्यार्थियों और शोधार्थियों ने उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / राजेश शुक्ला
