दतिया, 4 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । शारदीय नवरात्र के पवित्र दिनों में हर मंदिर और घरों में श्रद्धालू देवी अराधना में लीन हैं। श्रद्धालू अपनी मनोकामना मांग रहे हैं। ऐसा ही देवी दरबार मध्य प्रदेश के दतिया में मां पीताम्बरा देवी मंदिर है, जहां आम हो या खास, सभी मां के दरबार में कतारवद्ध होकर मां के दर्शन खिडकी के झरोखे से करते हैं। मां न्याय की देवी है जो नहीं पहुंच पाता वह मां से पत्राचार करता है मां के पते में न्यायालय लिखा रहता है क्योंकि मां बगुलामुखी देवी राजसत्ता और न्याय की देवी है, इसलिए यहां राष्ट्रपति से लेकर हर राजसुख पाने के लिए पहुंचता है।
कहते हैं कि सिद्ध मंदिर पहाडी या तालाब में होते हैं। दतिया के पीताम्बरा मंदिर का गर्भग्रह तालाब में है। यहां हिमकर ओझा जैसे तांत्रिकों ने देवी अराधना की है। इस मंदिर की प्राचीनता की बात की जाये तो यहां के श्री स्वामी जी महाराज से स्वयं अश्वस्थामा ने चर्चा के उल्लेख मिलते हैं। मंदिर के बीचों बीच प्राचीन वनखंडेश्वर महादेव का मंदिर है, जहां अश्वस्थामा ने साधना की है। मां धूमावती माई की मूर्ति इसी मंदिर में है। जहां मान्यता के अनुसार शनिवार को श्रद्धालूओं की भीड रहती है नमकीन प्रसाद चढाकर श्रद्धालू माता को प्रशन्न करते हैं।
चीन युद्ध में स्वामी जी महाराज को राष्ट्रगुरू के नाम से पहिचान वनी यहां देश के हर संकट में स्वामी जी महाराज ने राष्ट्रहित में अनुष्ठान किया वर्तमान में चाहे कोरोना जैसी महामारी हो या अन्य कोई संकट पीताम्बरा मंदिर पर खास अनुष्ठान पीठ ट्रस्ट द्वारा हुआ है। आज माँ के दरबार में देश विदेश से लोग पहुंचते है जिनकी हर मनोकामना मात्र दर्शन से पूरी होती है।
(Udaipur Kiran) / राजू विश्वकर्मा