जम्मू, 19 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आज पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे नाराज न हों क्योंकि लोगों से जो छीना गया है उसे वापस पाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।
उमर ने जम्मू में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि हम केंद्र शासित प्रदेश हैं लेकिन नाराज न हों। हमसे जो छीना गया है, उसे हम वापस लेंगे। उमर का यह बयान विभिन्न हलकों से आलोचनाओं के बीच आया है जिसमें कहा गया है कि एनसी ने विशेष दर्जा वापस पाने की मुख्य मांग से अपने पैर पीछे खींच लिए हैं। उमर ने कहा कि पहले जम्मू-कश्मीर के लोगों ने अन्य दलों से उपमुख्यमंत्री देखे हैं और यह पहली बार है कि जम्मू क्षेत्र से एक उपमुख्यमंत्री चुना गया है। उमर ने कहा कि यह उन लोगों के लिए जवाब है जो यह कहकर हमें निशाना बनाते थे कि एनसी केवल वंशवादियों की पार्टी है। वे आज क्या कहेंगे।
उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी का मुझसे और मेरे परिवार से कोई संबंध नहीं है। उपमुख्यमंत्री बनाना मेरे लिए कोई मजबूरी नहीं थी। मेरा एकमात्र उद्देश्य जम्मू के लोगों को यह बताना था कि सरकार में उनकी भी कश्मीर के लोगों जितनी ही हिस्सेदारी है। आज हमारे पास एक ही पार्टी से सीएम और डिप्टी सीएम हैं। यह उन लोगों को जवाब है जो कहते थे कि एनसी मुसलमानों की पार्टी है। उमर ने कहा कि कांग्रेस ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि वह मंत्रिपरिषद में कुछ हिस्सा चाहती है या नहीं। उन्होंने कहा कि एनसी शायद और सीटें जीत सकती थी। मुख्यमंत्री ने जीतने वाले उन निर्दलीय उम्मीदवारों का आभार व्यक्त किया जिन्होंने तुरंत एनसी को समर्थन देने की घोषणा की।
उमर ने कहा कि चुनाव अभी होने बाकी थे और लोगों ने बयान देना शुरू कर दिया था कि जम्मू के साथ अन्याय होगा क्योंकि सरकार में कोई प्रतिनिधि नहीं होगा। उन्होंने कहा कि मैं पहले दिन से कह रहा हूं कि मैं जम्मू के लोगों को साथ लेकर चलूंगा ताकि जम्मू के लोगों को यह न लगे कि सरकार में उनकी कोई हिस्सेदारी नहीं है। उमर ने कहा कि परिसीमन एक ही पार्टी को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया था और आरक्षण एक विशेष पार्टी की जीत सुनिश्चित करने का एक और कदम था। उन्होंने कहा लेकिन परिणाम आपके सामने हैं। ये सभी कदम विफल रहे। भाजपा द्वारा उठाए गए कदमों ने उन्हें चुनाव में पहुंचा दिया लेकिन वे चुनाव नहीं जीत सके।
उन्होंने कहा कि चुनाव जीतना आसान बात है लेकिन असली काम अब शुरू होता है। उमर ने कहा कि हमें लोगों की परेशानियों को कम करना है और लोगों और सरकार के बीच की खाई को कम करना है। उन्होंने कहा कि हमें लोगों की सेवा करनी है और उनके मुद्दों को सुलझाना है। उमर ने कहा कि पिछले आठ सालों में एनसी को राजनीतिक परिदृश्य से हटाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी गई लेकिन हमारे कार्यकर्ता और नेता चट्टान की तरह खड़े रहे और सभी साजिशों को नाकाम कर दिया। एनसी नेताओं की पार्टी नहीं है बल्कि एक प्रतिबद्ध कैडर है जैसा कि हाल के चुनावों में साबित हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार वोट शेयर के हिसाब से काम नहीं करेगी बल्कि समूह को एक साथ रखेगी। उन्होंने कहा कि पंचायतों और डीडीसी में अधिकारियों को पहले ही निर्देश दिए जा चुके हैं कि जहां लोगों की प्रतिक्रिया नहीं ली गई थी, उनकी समीक्षा की जानी चाहिए। उमर ने कहा कि जब वह लोकसभा चुनाव हार गए थे तो उन्हें लगा था कि उनके लिए फिर से उठना मुश्किल है। लेकिन प्रकृति के अपने सिद्धांत हैं।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से लोगों ने हमें मौका दिया है, वे कल हमें दंडित भी कर सकते हैं। उमर ने मीडिया बिरादरी से भी संपर्क किया और कहा कि जम्मू-कश्मीर में मीडिया के लिए कोई कठोर नीति नहीं अपनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि मैं आपको मेरे खिलाफ लिखने के लिए दंडित नहीं करूंगा। मैं सुनिश्चित करूंगा कि मीडिया स्वतंत्र रहे और स्वतंत्र और निडर माहौल में काम करे। मुझे पता है कि कई पत्रकारों को मान्यता और प्रेस कार्ड नहीं दिए गए हैं। मैं धीरे-धीरे इस विसंगति को दूर करूंगा। उन्होंने मीडियाकर्मियों से आग्रह किया कि वे जहां भी सरकार कोई गलती करती है, उसे उजागर करें लेकिन साथ ही एनसी सरकार के अच्छे कामों को भी उजागर करें।
(Udaipur Kiran) / सुमन लता