
धर्मशाला, 27 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । उपायुक्त कांगड़ा हेमराज बैरवा ने कहा कि प्रत्येक सरकारी तथा निजी संस्थान को आपदा प्रबंधन प्लान बनाना अत्यंत जरूरी है, इसके लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से निर्देश भी जारी किए गए हैं ताकि आपदा से होने वाले नुक्सान को कम किया जा सके। वीरवार को भीड़ प्रबंधन को लेकर आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए उपायुक्त हेमराज बैरवा ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर में आपदा की दृष्टि से भीड़ प्रबंधन को लेकर भी प्रशिक्षण अत्यंत जरूरी है।
उन्होंने कहा कि लोगों की बड़ी सभाओं, मंदिरों में नवरात्रों के दौरान संगीत समारोह स्थलों, प्रदर्शनों, त्यौहारों, खेल स्टेडियमों और मनोरंजन पार्कों भीड़ प्रबंधन की अत्यंत आवश्यक है ताकि एक सुरक्षित और संरक्षित वातावरण स्थापित कर घबराहट और भीड़ की तेज़ गतिविधियों से बचने के लिए बेहतर संचालन किया जा सके। उन्होंने कहा कि भीड़ प्रबंधन प्रक्रियाएं आम तौर पर इवेंट आयोजक और कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा स्थापित की जाती हैं।
उन्होंने कहा कि भीड़ प्रबंधन योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए आयोजन स्थल के कर्मचारियों से लेकर इवेंट आयोजकों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों तक सभी शामिल पक्षों के सहयोग की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि भीड़ प्रबंधन एक बहुआयामी क्षेत्र है जिसमें इवेंट प्लानिंग, निकासी विश्लेषण के लिए भीड़ सिमुलेशन से लेकर सुरक्षा प्रबंधन तक के कई विषय शामिल हैं। उपस्थित लोगों के लिए सुरक्षित, सुरक्षित कार्यक्रम सुनिश्चित करने में भीड़ प्रबंधन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इससे पहले आपदा इंटर एजेंसी के समन्वयक एससी भुल्लर ने मुख्यातिथि का स्वागत करते हुए कहा कि भीड़ प्रबंधन को लेकर आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला में मंदिरों, एसडीआरएफ तथा अन्य महत्वपूर्ण एजेंसियों के लोगों को आमंत्रित किया गया है ताकि भीड़ प्रबंधन को लेकर प्रशिक्षित किया जा सके। उन्होंने कहा कि कार्यशाला में भीड़ प्रबंधन और घटना जोखिम प्रबंधन के बीच अंतर, नाबालिगों और बुजुर्गों की सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा, चिकित्सा सहायता और परिवहन जैसे जोखिमों के अतिरिक्त स्पीकर और (डिजिटल) साइनेज के माध्यम से संचार और मार्गदर्शन, लोगों की संख्या को सीमित करने और अनधिकृत पहुंच को रोकने के लिए प्रवेश नियंत्रण और प्रवेश प्रबंधन, भीड़ विश्लेषण और लोगों के प्रवाह की निगरानी करने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस अवसर पर आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के जिला समन्वयक राबिन सहित आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ उपस्थित थे।
(Udaipur Kiran) / सतिंदर धलारिया
