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दिल्ली और केंद्र में भले ही लड़ाई न हो, पर इसका मतलब यह नहीं कि वे सक्रिय होंगे : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली, 13 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में वायु प्रदूषण के मामले पर सुनवाई करते हुए कहा है कि दिल्ली में सरकार बदलने से भले ही केंद्र और दिल्ली सरकार आपस में लड़ें नहीं लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि वे प्रदूषण मिटाने के लिए बेहतर काम करेंगी। जस्टिस एएस ओका की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये टिप्पणी की।

आज सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त एमिकस क्यूरी अपराजिता सिंह ने कहा कि उन्हें इस बात से राहत मिली है कि दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनने के बाद अब दिल्ली और केंद्र सरकार में झगड़े की स्थिति नहीं पैदा होगी। उन्होंने कहा कि कोर्ट का अधिकतर समय लड़ाई में ही बर्बाद होता था और मसले अनसुलझे रह जाते थे। तब कोर्ट ने कहा कि ये एक व्यवहारिक पक्ष है। भले ही दोनों सरकारों के बीच लड़ाई नहीं हो लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि वे बेहतर काम करें। तब केंद्र सरकार की ओर से पेश एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अब कोई झगड़ा नहीं होगा।

सुनवाई के दौरान ऐश्वर्या भाटी ने दिल्ली में ग्रैप-4 से छूट की अनुमति मांगी। तब कोर्ट ने कहा वे इस मसले पर 17 फरवरी को विचार करेंगे। उन्होंने दिल्ली के एक्यूआई चार्ट पेश करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने ऐश्वर्या भाटी से कहा कि वे केंद्र से इस बात पर निर्देश लेकर आएं कि क्या दिल्ली में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की तरह देश के दूसरे शहरों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की अनुशंसाओं को लागू किया जा सकता है।

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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय

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