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काेलकाता में सप्तमी पर भी पुलिस ने रोकी ‘अभया परिक्रमा’, आंदोलनकारी डाक्टर गार्डरैल हटाकर बढ़े आगे, डॉक्टरों की सेहत बिगड़ी

डॉक्टरों का प्रदर्शन

कोलकाता, 10 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल के काेलकाता में सप्तमी के दिन जूनियर डॉक्टरों की ‘अभया परिक्रमा’ को एक बार फिर पुलिस ने रोकने की कोशिश की, लेकिन आंदोलनकारी डॉक्टरों ने पुलिस की इस कोशिश को नाकाम करते हुए गार्डरैल हटाकर सेंट्रल एवेन्यू की ओर अपना मार्च जारी रखा। इससे पहले षष्ठी के दिन भी पुलिस ने उनकी परिक्रमा रोकने की कोशिश की थी।

आरजी कर मेडिकल कालेज और अस्पताल में महिला चिकित्सक के साथ रेप और हत्या के मामले काे लेकर डॉक्टरों का आंदोलन और गहराता जा रहा है। जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि वे बिना अनुमति के मेट्रो चैनल पर अनशन कर रहे हैं और पुलिस ने इस संबंध में एक चिट्ठी भी थमा दी है। पुलिस ने इस चिट्ठी में कहा कि आंदोलनकारियों की शारीरिक स्थिति बिगड़ती जा रही है और उन्हें तत्काल इलाज की जरूरत है। लेकिन डाक्टराें का कहना है कि वे मांगें पूरी नही हाेने तक डटे रहेंगे।

अस्पताल में भर्ती करने की सलाह-

आरजी कर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर अनिकेत महतो की हालत नाजुक बताई जा रही है। डॉक्टरों का कहना है कि उनकी यूरिन रिपोर्ट में कीटोन बॉडी पाई गई है और कुछ एसिडोसिस भी विकसित हो चुका है। डॉक्टरों ने सलाह दी है कि उन्हें तत्काल आईसीयू में भर्ती किया जाए।

डॉ. सैकत नियोगी ने बताया, अनिकेत की हालत अन्य लोगों से ज्यादा चिंताजनक है। हमने रिपोर्ट देखी और उसकी हालत तेजी से बिगड़ रही है। इस स्थिति को सामान्य इलाज से संभालना मुश्किल है। हमने उसे तुरंत आईसीयू में शिफ्ट करने की सलाह दी है।

पुलिस की चिट्ठी में क्या है?

हेयर स्ट्रीट थाने की ओर से डॉक्टरों को भेजी गई चिट्ठी में कहा गया है कि वे बिना अनुमति के धर्मतला में मेट्रो चैनल के सामने अनशन कर रहे हैं। चिट्ठी में डॉक्टरों से अनशन स्थल खाली करने और स्वास्थ्य विभाग की मदद लेने का अनुरोध किया गया है। पुलिस की चिट्ठी पर अनशनकारी डॉक्टरों ने कहा, हमारे सामने एक चिट्ठी देकर हमें जाने के लिए कहा जा रहा है, लेकिन यह हमारे लिए स्वीकार्य नहीं है। पुलिस को हमारी हालत की चिंता नहीं है।

अनशनकारियों की शारीरिक स्थिति लगातार बिगड़ रही है। डॉक्टरों के अनुसार, उनकी स्थिति खतरनाक हो सकती है और स्थिति में अचानक गिरावट आ सकती है, जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए सिर्फ 10-15 मिनट का समय ही मिलेगा।

सीनियर डॉक्टरों का समर्थन-

जूनियर डॉक्टरों के इस आंदोलन को सीनियर डॉक्टरों का भी समर्थन मिला है। कई अस्पतालों के वरिष्ठ डॉक्टरों ने भी सामूहिक इस्तीफा देकर अपना समर्थन जाहिर किया है। आरजी कर, कोलकाता मेडिकल कॉलेज और अन्य प्रमुख चिकित्सा संस्थानों के डॉक्टर भी इसी रास्ते पर चलने की योजना बना रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि धर्मतला में जूनियर डॉक्टरों का अनशन छह दिनों से जारी है। डॉक्टरों के एक समूह ने कहा कि वे तब तक डटे रहेंगे जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं।

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(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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