Uttar Pradesh

फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाने के नाम पर भी 3000 रुपये तक की हो रही है वसूली

मुरादाबाद में 29 सरकारी और 87 निजी अस्पतालों में मिलेगा आयुष्मान कार्डधारकों को लाभ

-आयुष्मान कार्ड बनाने की शिकायतों की गहनता से जांच कराई जाएगी: मुख्य चिकित्सा अधिकारी

मुरादाबाद, 14 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । आयुष्मान कार्ड बनाने के नाम पर कुछ जनसेवा केंद्र संचालक लोगों से तीन हजार रुपये तक वसूल कर रहे हैं। सूची में शामिल जिन लोगों ने अपने आयुष्मान कार्ड नहीं बनवाए हैं, उनके नामों का फायदा उठाकर फर्जीवाड़ा चल रहा हैं। जिले में दो मामले ऐसे सामने आएं जिसमें दो मरीजों ने आयुषमान कार्ड की केवाईसी के दौरान पता चला कि वह फर्जी है। पीड़ितों ने जहां से कार्ड बनवाया था वह साइबर कैफे बंद हो चुका है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. कुलदीप सिंह ने कहा कि फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाने की शिकायतों की गहनता से जांच कराई जाएगी। आयुष्मान कार्ड बनवाने व इस संबंध में कोई भी जानकारी लेने के लिए कार्यालय में तैनात स्टाफ से लें। कार्यालय में रखी सूची या स्टाफ द्वारा सूची में नाम होने की पुष्टि हो जाए तभी कार्ड बनवाएं।

जिले में 13 लाख 62 हजार लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए जाने थे। इनमें से 11 लाख 20 हजार लोग आयुष्मान कार्ड बनवा चुके हैं। करीब दो लाख लोग ऐसे हैं जिनके नाम सूची में हैं लेकिन वह आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए आगे नहीं आए। इन नामों का फायदा उठाकर कुछ जनसेवा केंद्र संचालक लोगों से कार्ड बनाने के नाम पर तीन हजार रुपये तक वसूल रहे हैं। सूची से मिलते जुलते नाम वाले व्यक्ति का कार्ड बनाकर उन्हें सौंप दिया जाता है। अस्पताल में केवाईसी के दौरान पता चलता है कि कार्ड फर्जी है। दो दिन पूर्व थाना मझोला क्षेत्र के रामतलैया निवासी मोहन यादव और उनके भाई श्याम यादव आयुषमान कार्ड की केवाईसी कराने जिला अस्पताल पहुंचे तो पता चला कि कार्ड पर उनका नाम तो सही था, लेकिन वल्दियत मैच नहीं हुई। जांच में पाया गया कि ये कार्ड फर्जी है। पीड़ितों ने बताया कि उन्हाेंने दीपावली से पहले यह कार्ड तीन-तीन हजार रुपये में बनवाएं थे, जहां से यह कार्ड बनवाये थे वह साइबर कैफे बंद हो चुका है।

(Udaipur Kiran) / निमित कुमार जायसवाल

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