
भांडेर, 23 अप्रैल (Udaipur Kiran) । किसानों ने खेत में खड़ी फसल को हार्वेस्टर से कटवाने के बाद नरवाई जलाना शुरू कर दिया है। दतिया जिले के इलाकों में इस समय किसान अपने खेतों में नरबाई जला रहे हैं। भांडेर तहसील में 50 फीसदी से अधिक किसान खेतों में खड़ी नरवाई में आग लगा रहे हैं। इससे आगजनी की घटनाएं बढ़ रही है। स्थिति यह है कि शाम होते ही ग्रामीण इलाकों में किसान नरवाई में आग लगा देते हैं। इससे रात में आग भीषण हो जाती है और हवाओं के चलते आग फैल रही है। ऐसे में आग की चपेट में आसपास के खेतों में खड़ी फसलें व मकान आ रहे हैं।
बुधवार को भांडेर के सरसई रोड पर किसान ने नरबाई में आग लगा दी। आग बेकाबू होते ही भाग गया। आग इतनी भीषण थी कि सड़क किनारे तक पहुंच गई। वहीं आसपास विधुत सब स्टेशन भी जद में आ सकता था लेकिन वहीं बिजली कम्पनी के कर्मचारियों के द्वारा आनन फानन में फायर गाड़ी को फोन करके भेजने से बहुत बड़ी जनहानि होते होते बचीद्य बावजूद इसके प्रशासन द्वारा नरवाई जलाने पर प्रतिबंधात्मक आदेश जारी होने के बाद भी कार्रवाई नहीं की जा रही है।
नरवाई जलाने से ये होते हैं नुकसान
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार नरवाई जलाने से खेत की मिट्टी में होने वाले कार्बनिक पदार्थ में कमी आती है। वहीं सूक्ष्मजीव जलकर खत्म हो जाते हैं। भूमि की ऊपरी परत में पौधों के लिए आवश्यक पोषक तत्व उपलब्ध रहते है, जो आग के कारण नष्ट हो जाते हैं। भूमि कठोर होती है। जिस कारण उसकी जलधारण करने की क्षमता कम हो जाती है।
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(Udaipur Kiran) / राजू विश्वकर्मा
