HEADLINES

यमुना की सफाई पर 8500 करोड़ खर्च करने के बाद भी साफ पानी मयस्सर नहीं : हरीश रावत

दिल्ली में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत

नई दिल्ली, 31 जनवरी (Udaipur Kiran) । कांग्रेस नेता एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गुरुवार को कहा कि यमुना की सफाई पर करीब 8500 करोड़ रुपये खर्च करने के बाद भी दिल्ली के लोगों को स्वच्छ पेयजल मयस्सर नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि आज यमुना का पानी नहाने लायक भी नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली और यमुना के प्रदूषण के दो अपराधी है, एक केंद्र सरकार और दूसरी दिल्ली सरकार।

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में आज एक संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए रावत ने कहा कि जब वह जल संसाधन मंत्री थे, तब यह तय हुआ था कि दिल्ली के अंदर यमुना के दोनों किनारों के साथ चलती एक मास्टर ड्रेन निकाली जाएगी। दिल्ली के करीब 27 नालों को मास्टर ड्रेन में डाला जाएगा, जिसे वृंदावन के पास मुख्य धारा में मिलाया जाएगा। ताकि मिट्टी के संपर्क में आने और रास्ते में लगाए जाने वाले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के जरिए पानी को साफ किया जा सके। कांग्रेस ने इसे नजफगढ़ से शुरू भी किया था लेकिन कांग्रेस के बाद इसे आम आदमी पार्टी की सरकार में आगे नहीं बढ़ाया गया।

उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की इन अनदेखी से आज दिल्ली में करीब 22 किलोमीटर बहने वाली यमुना सबसे ज्यादा प्रदूषित है। यमुना को साफ करने के लिए एक भागीरथ प्रयास की जरूरत है।

हरीश रावत ने दिल्ली में जल और वायु प्रदूषण के लिए दिल्ली सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि आज दिल्ली सरकार की गलत नीतियों की वजह से दिल्लीवालों को न तो साफ पानी और न ही स्वच्छ हवा मिल रही है। दिल्ली में लगातार हरित क्षेत्र में कमी आई है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि शीला सरकार ने दिल्ली में हरित क्षेत्र को बढ़ावा देने के साथ-साथ वायु को प्रदूषण को कम करने के लिए कई काम किए थे।

—————

(Udaipur Kiran) / Dhirender Yadav

Most Popular

To Top