मुंबई, 30 अप्रैल (Udaipur Kiran) । महिलाओं और बच्चों पर बढ़ रहे यौन उत्पीड़न पर शिकंजा कसने के लिए मुंबई महानगरपालिका ने कड़े कदम उठाने का फैसला किया है। मनपा और सावित्रीबाई फुले स्त्री संसाधन केंद्र ने मिलकर ‘वन स्टॉप क्राइसिस सेंटर’ की स्थापना की है. इसके अलावा ‘रिस्पॉन्सिबल नेटिज्म’ पहल के तहत महिलाओं और बच्चों की साइबर सुरक्षा के लिए एक ‘साइबर वेलनेस’ केंद्र की शुरुआत की गई है।
‘वन स्टॉप क्राइसिस सेंटर’ के माध्यम से पीड़ितों को परामर्श, कानूनी सेवाएं, साइबर सहायता आदि सेवाएं मुहैया कराई जाएंगी। साइबर वेलनेस’ केंद्र शैक्षणिक संस्थानों, जमीनी स्तर के समुदायों और बीएमसी कर्मचारियों के बीच साइबर सुरक्षा सावधानियों के बारे में जागरूकता पैदा करेगा। इसके माध्यम से साइबर अपराध से पीड़ितों को मुफ्त कानूनी सहायता, तकनीकी सहायता और परामर्श उपलब्ध कराया जाएगा। मुंबई के परेल स्थित सावित्रीबाई फुले स्त्री संसाधन केंद्र में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में दोनों केंद्रों का उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर मनपा उपायुक्त (विशेष) व समिति की अध्यक्ष चंदा जाधव सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे। महिला सशक्तिकरण, सामाजिक न्याय आदि के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले लोगों को अभिनेत्री सोनाली कुलकर्णी ने सम्मानित किया। अभिनेत्री सोनाली कुलकर्णी ने कहा कि महिलाएं सभी क्षेत्रों में काम कर रही हैं और उपलब्धियां हासिल कर रही है। कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न को रोकने के लिए महिलाओं को हमेशा सतर्क रहना चाहिए। हमें हमेशा याद रखना चाहिए कि जो अपराध हम सुनते हैं, देखते हैं और सीखते हैं, उसके खिलाफ आवाज उठाना न केवल हमारी जिम्मेदारी है बल्कि हमारा कर्तव्य भी है।
मुंबई मनपा के अंतगर्त यह समिति साल 1997 से कार्यरत है। यह महिलाओं के यौन उत्पीड़न के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने वाली गतिविधियों का आयोजन करती है। फिलहाल में कुल 92 समितियां कार्य कर रही हैं। मुख्य समिति द्वारा हर वर्ष सभी समिति सदस्यों के लिए प्रशिक्षण का आयोजन किया जाता है। मनपा ने वर्ष 2003 में यौन उत्पीड़न मुक्ति के लिए नीति तैयार की है। महिला यौन उत्पीड़न (पीओएसएच) अधिनियम के तहत विभिन्न समितियों का गठन किया गया है। ये समितियां सभी वार्डो में कार्य कर रही हैं।
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(Udaipur Kiran) / वी कुमार
